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पटरी पर लौट रही जिदगी, 25 प्रतिशत हुआ कपड़े का कारोबार

बक्सर कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जिदगी भी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने की ओर अग्रसर

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:44 AM (IST)
पटरी पर लौट रही जिदगी, 25 प्रतिशत हुआ कपड़े का कारोबार
पटरी पर लौट रही जिदगी, 25 प्रतिशत हुआ कपड़े का कारोबार

बक्सर : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जिदगी भी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने की ओर अग्रसर है। बाजार में कुछ देर के लिए ही सही, लेकिन रौनक नजर आ रही है। खासतौर पर कपड़े का बाजार सीमित समय के लिए खुलने के बावजूद अपने रंग में लौट रहा है। इस सेक्टर से जुड़े व्यावसायियों का कहना है कि अभी 20 से 25 प्रतिशत पर कारोबार पहुंच गया है।

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लॉकडाउन-4 में राहतों का दौर शुरू होने के बाद बाजार में वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है। गुरुवार को मेन रोड और यमुना चौक के पास वाहनों का आवागमन दिख रहा था। कई दुकानें खुली हुई थीं और लोग यहां खरीदारी कर रहे थे। वहीं, ठठेरी बाजार में कपड़े की कुछ दुकानें खुली थीं, तो कुछ बंद थीं। प्रशासन ने एक साथ सड़क पर भीड़ नहीं इकट्ठा हो, इसलिए बारी-बारी से दुकानों को खोलने की इजाजत दी है। पीपी रोड में भी कपड़े की कई ब्रांडेड दुकानें खुली थीं और उनमें ग्राहक भी दिख रहे थे। सियाराम आउटलेट्स के विश्वजीत गुप्ता ने बताया कि अभी लगन का समय है और पिछले साल इस समय अच्छा व्यवसाय हुआ था। इस साल उतने ग्राहक तो नहीं हैं, लेकिन लॉकडाउन में राहत मिलने का असर दिख रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले अभी बीस प्रतिशत कारोबार हो रहा है। इनमें कई ऐसे ग्राहक हैं जो लगन को लेकर दुकान में पहुंच रहे हैं। वस्त्र व्यापार से जुड़े अजय मानसिंहका ने बताया कि दुकान खुलने की अनुमति मिलने से राहत मिली है। हालांकि, अभी दूरदराज इलाकों से ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि बक्सर में किसान बड़े ग्राहक वर्ग हैं और होली के बाद से ही लॉकडाउन लगने से स्टॉक में लगन का माल पड़ा रह गया। अब धीरे-धीरे ग्राहकों के बाजार में लौटने से कुछ राहत मिली है, लेकिन अभी बाजार को सामान्य होने में लंबा वक्त लगेगा।

दिख रहा कोरोना पर जीत का जज्बा

बाजार में निकले लोगों से बात करने पर पता चला कि लोग कोरोना से डरे नहीं हैं, लेकिन सतर्क जरूर हैं। एक कपड़ा दुकान पर मिले पांडेयपट्टी के अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना के डर से बहुत दिनों तक सबकुछ बंद नहीं रखा जा सकता। लोगों को को इसके साथ ही जीना सीखना होगा, जैसे दूसरे संक्रमित रोगों के साथ हमलोग जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई लोगों को बाजार में चेहरे पर मास्क या गमछा लगाकर चलते देख कोरोना का खौफ कम होता है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना को हराने के लि यह मामूली उपाय भी नहीं कर रहे हैं।


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