पोखरा में गंदगी फेंके जाने से हर सांस बनी सजा
स्थानीय प्रखंड के नया भोजपुर गांव के बीचो-बीच चल रहे बूचड़खाने गांव के आम लोगों के लिए परेशानी का वजह बन चुका है। बूचड़खाना के दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले वर्ष तत्कालीन एसडीओ प्रमोद कुमार और एसडीपीओ कमलापति सिंह ने कार्रवाई करते हुए बूचड़खाने से निकले अवशेष की सफाई करा कर लोगों को बड़ी राहत प्रदान की थी। लेकिन दोनों पदाधिकारी के हटने के बाद पुन स्थिति ज्यों की त्यों हो गई।
बक्सर। स्थानीय प्रखंड के नया भोजपुर गांव के बीचो-बीच चल रहे बूचड़खाने गांव के आम लोगों के लिए परेशानी का वजह बन चुका है। बूचड़खाना के दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले वर्ष तत्कालीन एसडीओ प्रमोद कुमार और एसडीपीओ कमलापति सिंह ने कार्रवाई करते हुए बूचड़खाने से निकले अवशेष की सफाई करा कर लोगों को बड़ी राहत प्रदान की थी। लेकिन, दोनों पदाधिकारी के हटने के बाद पुन: स्थिति ज्यों की त्यों हो गई।
नया भोजपुर गांव में जिस जगह पर बूचड़खाना का संचालन होता है। उसके ठीक सटे बिहार सरकार का गढ़ही पोखरा है। यह पोखरा पहले से ही अतिक्रमण के चपेट में है बड़ी बात यह कि बूचड़खाने से निकलने वाले सारे अवशेष और जानवरों के हाड़ मांस इसी पोखरा में फेंका जाता है। इसके सड़ांध से उठने वाला दुर्गंध ने लोगों को परेशान कर रखा है। गांव के मोहम्मद अशफाक का कहना है कि बूचड़खाने के अवशेष से निकलने वाला दुर्गंध इतना खराब है। आसपास के सैकड़ों घरों के लोगों का जीना मुहाल है। अशफाक का कहना है कि पिछले दिनों की गई कार्रवाई से लोगों को राहत मिली थी। लेकिन, फिर स्थिति यथावत हो गई है। जिससे काफी परेशानी हो रही है। बताया जाता है कि उक्त जगह पर एक दर्जन से अधिक बूचड़खाना का संचालन हो रहा है। बूचड़खाना से निकलने वाला सारा अवशेष पोखरा में डाल दिया जाता है।
सरकारी पोखरा का हो रहा है दुरुपयोग
राज्य सरकार द्वारा जल निकायों को अतिक्रमण से मुक्त कर जल संचय के रूप में उपयोग करने का सख्त निर्देश दिया गया है। बावजूद यह सरकारी पोखरा का दुरुपयोग हो रहा है। बूचड़खाना के अवशेष पोखरा में डाले जाने से यह पोखरा पूरी तरह से सूख गया है। गंदगी और बदबू अपने आसपास के लोगों को परेशान कर रखा है। गर्मी के इस मौसम में गांव की बड़ी आबादी सड़ांध और दुर्गंध से परेशान है। लोगों को संक्रमित बीमारियों का खौफ सताने लगा है।
दुर्गंध से संक्रमित बीमारियों का है खतरा
नया भोजपुर में गांव के बीचो बीच संचालित बूचड़खाना के अवशेष से उठते दुर्गंध ने लोगों के बीच बीमारियों के खतरा को बढ़ा दिया है। गांव के मोहम्मद कमर जमा खान लड्डू खान जावेद खान अफरोज खान आदिल हुसैन जय दिखा जसीम खान चंद्र विजय राम राजधानी राम राजेश राम चंद्रावती देवी सुरेश राम हरे राम राम विजय राम निर्मल राम विनोद कुमार गोंड मोहम्मद इकबाल असलम आशीष मिराज मोहसीन एजाजुल आदि का कहना है कि बूचड़खाना का संचालन करने वाले लोगों को मना करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। उनका कहना है कि बूचड़खाना से निकले दुर्गंध से घरों में रहना खाना-पीना सभी मुश्किल हो जाता है माहौल पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है। अवैध बूचड़खाने का हो रहा है संचालन
नया भोजपुर गांव में बूचड़खाने के संचालन को लेकर कई बार हां और ना में बात होती है। लेकिन, सैकड़ों लोगों द्वारा दिए गए इस आवेदन में इस बात की पुष्टि कर दिया है। कि नया भोजपुर में अवैध रूप से बूचड़खाने का संचालन हो रहा है। और यह संचालन पूरी तरह से अवैध हैं दिए गए आवेदन में भी लोगों ने कहा है। कि अवैध रूप से बूचड़खाने का संचालन हो रहा है लोगों ने इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग प्रशासन से की है।
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इस मामले में किसी के द्वारा लिखित आवेदन नहीं दिया गया है मौखिक रूप से मामले की शिकायत की गई है। लोगों के इस समस्या पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। सरकारी पोखरा को अतिक्रमण से निजात दिलाया जाएगा पूरे मामले की जल्द ही जांच कराई जाएगी और कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
हरेंद्र राम, अनुमंडलाधिकारी, डुमरांव।