Move to Jagran APP

प्रोन्नति में जिच : अलमारी में ताला जड़ गायब हुआ लिपिक

वर्ष 2012 से गलत तरीके से शिक्षकों को दी गई प्रोन्नति को ढो रहे शिक्षा विभाग की बेचैनी हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह का समय देकर बढ़ा दी है। हालांकि मामला दिलचस्प हो गया है। कोर्ट के आदेश पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने एक तरफ जहां इस कार्य को तय समय में पूरा करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा को दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 06:31 PM (IST)
प्रोन्नति में जिच : अलमारी में ताला जड़ गायब हुआ लिपिक
प्रोन्नति में जिच : अलमारी में ताला जड़ गायब हुआ लिपिक

बक्सर । वर्ष 2012 से गलत तरीके से शिक्षकों को दी गई प्रोन्नति को ढो रहे शिक्षा विभाग की बेचैनी हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह का समय देकर बढ़ा दी है। हालांकि, मामला दिलचस्प हो गया है। कोर्ट के आदेश पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने एक तरफ जहां इस कार्य को तय समय में पूरा करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा को दिया है। वहीं, प्रोन्नति की संचिका का प्रभार संभालने वाले प्रधान लिपिक सह स्थापना का प्रभारी लिपिक विजय पासवान ने अलमारी में ताला जड़ दिया है और गायब हो गया है। ऐसे में जिला शिक्षा पदाधिकारी असमंजस में पड़ गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट द्वारा तीन सप्ताह के अंदर प्रोन्नति के मामले में कोर्ट द्वारा दिए गए पूर्व के आदेश को पूरा करने का फरमान सुनाए जाने के पश्चात जब जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को तलब किया और इस कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया तो डीईओ ने डीपीओ स्थापना रामेश्वर सिंह से प्रोन्नति की फाइल मांगी। जब डीईओ ने फाइल मांगी तो पता चला कि प्रधान लिपिक ने आलमारी में ताला जड़ दिया है और भाग गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसके बाद उक्त लिपिक ने किसी शिक्षक से छुट्टी का आवेदन दो दिन बाद 17 मार्च को भिजवाया। हालांकि, डीईओ ने लिपिक के आवेदन को निरस्त कर दिया और लिपिक की हाजिरी भी काट दी। परन्तु, विभाग में अभी भी असमंजस की स्थिति बरकरार है। अब सवाल उठता है कि ऐन मौके पर वह लिपिक आलमारी में ताला जड़कर कैसे गायब हो गया। लिपिक के गायब होने में किसका स्वार्थ सिद्ध हो रहा है। बहरहाल, जो भी हो मामला काफी दिलचस्प हो गया है। इस बाबत पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि संबंधित लिपिक की हाजिरी काट दी गई है और उनसे पूछा गया है कि वह किन परिस्थितियों में अचानक छुट्टी का आवेदन देकर गायब हो गए हैं। डीईओ ने बताया कि काम प्रक्रिया के अंतर्गत ही होगा। ऐसे में लिपिक का इंतजार किया जा रहा है। उनके नहीं आने की स्थिति में अगला कदम उठाया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2012 से शिक्षकों की गलत प्रोन्नति को विभाग ढो रहा है। वर्ष 2016 में जब कोर्ट ने इस मामले में नए सिरे से वरीयता सूची का निर्धारण कर प्रोन्नति देने का आदेश दिया तो विभाग ने कोर्ट के आदेश पर 2017 में औपबंधिक सूची का निर्माण तो किया लेकिन, उसके बाद आगे की कार्रवाई विभाग द्वारा नहीं की गई। सबसे बड़ी बात कि उस दौरान इसका खुलासा होने के बाद भी कि कइयों को गलत भुगतान हो रहा है, विभाग द्वारा अभी तक निरंतर गलत भुगतान किया जा रहा है। अब यह काम किस स्वार्थ में हो रहा है यह तो विभाग जाने लेकिन, अब एक बार फिर जब कोर्ट ने तीन सप्ताह में प्रोन्नति को पूरा करने का आदेश दिया है तो सभी की बेचैनी बढ़ गई है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.