अभी भी विकास के क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी..
शहर से लेकर गांव तक दुकान से लेकर खेत तक राजनीति का रंग छाने लगा है। लोग भले ही खुलकर मुखर न हों लेकिन जब आपस में मिलते हैं तो चुनाव पर चर्चा छिड़ ही जाती है। दैनिक जागरण जनता के मुद्दों को जनता के बीच जाकर ढूंढ़ने का प्रयास कर रहा है।
बक्सर । शहर से लेकर गांव तक, दुकान से लेकर खेत तक राजनीति का रंग छाने लगा है। लोग भले ही खुलकर मुखर न हों, लेकिन जब आपस में मिलते हैं तो चुनाव पर चर्चा छिड़ ही जाती है। दैनिक जागरण जनता के मुद्दों को जनता के बीच जाकर ढूंढ़ने का प्रयास कर रहा है। इस सफर में राजनीतिक दलों के सियासी एजेंडे से अलग जनता के अपने मुद्दे खूब मुखर हो रहे हैं। सफर की इसी कड़ी में दैनिक जागरण की टीम ने केसठ मुख्य बाजार में चाय दुकान पर मत-विमत कार्यक्रम का आयोजन किया और लोगों के मिजाज को भांपने की कोशिश की।
केसठ पंचायत में पांच गांव समाहित हैं और तकरीबन छह हजार वोटर हैं। ओबीसी बहुल पंचायत में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है। मुख्य बाजार स्थित चाय की दुकान पर सुबह के 7.15 बजे कुछ लोग चाय पी रहे थे और चुनाव चर्चा कर रहे थे। किस सरकार ने किस प्रकार काम किया। इसकी तुलना करने में लगे हुए थे। वहां बैठे रवि सिंह कह रहे थे. कुछ भी कहिए, विकास तो जरूर हुआ है और गांव तक में इसका असर दिख रहा है, लेकिन अभी भी क्षेत्र की प्रमुख समस्या सिचाई, बेहतर अस्पताल और कॉलेज की है.. सरकार को इस पर भी काम करना चाहिए था। उनकी बातों के समर्थन में हामी भरते हुए संजय कुमार ने कहा कि पिछले कुछ सालों में यहां काफी काम हुआ है, सड़क-गलियां चकाचक है..बस एक ही समस्या है। आगे कहते गए, सरकार भ्रष्टाचार पर वार की बात कहती है, लेकिन धरातल पर बिचौलियों से जान नहीं छूट रहा है। बीच में कमलेश गुप्ता ने उनकी बातों को रोका, सिचाई यहां की प्रमुख समस्या है और इस पर क्या काम हुआ है यह बताइए। कहते लगे, सिचाई की सुविधा नहीं होने के कारण यहां खेत परती रह जाते हैं, स्ट्रीट लाइट, जलजमाव, कचरा प्रबंधन, सुविधाविहीन स्वास्थ्य केंद्र आदि बहुत कुछ है सरकार को आइना दिखाने के लिए। ग्रामीण सड़क पर भी अभी काफी काम होना बाकी है, हालांकि यह भी है कि काम हो रहा है। चर्चा के दौरान युवा मनोज कुमार ने कहा कि युवाओं और मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कर दिया जाए तो यहां के युवाओं और मजदूरों को रोजगार के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। इस दौरान रोजगार को लेकर अपने राज्य में कोई अवसर नहीं बढ़ने पर भी बात हुई। उनका यह भी कहना था कि बिहार में विपद्वा को धार दे रहे युवा नेता की चुनाव में ताकत बढ़नी चाहिए, युवा नेता ही युवाओं के दर्द को दूर कर सकता है। इस दौरान महिलाओं से भी बात की गई। आरती सिंह ने कहा कि इस सरकार में महिलाओं के लिए कई काम किए गए हैं। लेकिन, महिला शिक्षा और स्वास्थ्य में अब भी बहुत काम करना बाकी है। चाय की चुस्की के साथ चुनाव की चर्चा और गरम होती गई। लोग कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, रोजगार, सड़क आदि दर्जनों समस्याओं पर चर्चा करते नजर आए। कुछ ने सरकार के कार्यों पर संतोष जताया तो कुछ ने असंतोष, लेकिन सबसे अच्छी बात यह दिखी की विचारों में भिन्नता के बावजूद चाय की चुस्की ले रहे यहां लोगों की जुबान बड़े नेताओं की तरह कड़बे नहीं हैं और वे एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करते दिखे।