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धान क्रय में विभागीय दावा फेल, किसानों की बढ़ी परेशानी

बक्सर सरकार ने जिले के पैक्स और व्यापार मंडल केंद्र पर धान अधिप्राप्ति की घोषणा की थी। इस

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 09:18 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 09:18 PM (IST)
धान क्रय में विभागीय दावा फेल, किसानों की बढ़ी परेशानी
धान क्रय में विभागीय दावा फेल, किसानों की बढ़ी परेशानी

बक्सर : सरकार ने जिले के पैक्स और व्यापार मंडल केंद्र पर धान अधिप्राप्ति की घोषणा की थी। इसको लेकर विभाग ने धान अधिप्राप्ति के लिए सारी तैयारी पूरी करने का दावा भी किया है, लेकिन धान क्रय के सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं। हर जगह धान अधिप्राप्ति की स्थिति दिन भर चले ढ़ाई कोस वाली कहावत सिद्ध हो रही है। उम्मीद लगाए अधिकतर किसानों को या तो निराशा हाथ लगी या अपनीं गाढ़ी कमाई सेठ-साहुकारों के हाथों बेचना लाचारी हो गई है। किसान औने-पाने दाम में अपनी धान बेचने के लिए मजबूर हो गए है। अनुमंडल के विभिन्न पैक्सों में धान खरीदारी शुरू हुई है, लेकिन मनमानी पूर्ण रवैया के चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

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पैक्सो में है अपना गोदाम

अनुमंडल इलाके के कई पैक्सों में अपना गोदाम नहीं होने के कारण भी किसानों के धान खरीदारी में अड़चन आ रही है। चौगाईं प्रखंड के मसर्हियां और नचाप को छोड़कर बाकी किसी भी पैक्सों का अपना गोदाम नहीं है। यही नहीं मुरार पैक्स इलाके के किसानों को डुमरांव स्थित व्यापार मंडल में धान बेचने का फरमान जारी किया गया है, जो किसानों के लिए संभव नहीं है। अन्य पैक्सो में जो किसान अपने बोरे में धान भरकर गोदाम तक पहुंचा रहे हैं, उनकी तो खरीदारी हो रही है।

धान बेचने के लिए इंतजार नहीं करना चाहते है किसान

फिलहाल धान अधिप्राप्ति में मनमानी पूर्ण रवैया को लेकर परेशान किसान अब इंतजार करना पसंद नहीं कर रहे हैं। इसी उत्पादन के भरोसे बेटा बेटी की पढ़ाई, शादी विवाह और दवाई से लगायत रबी फसल की बुआई को लेकर किसान हमेशा परेशान रहते हैं। धान की सरकारी खरीदारी में समाने आ रही अड़चनों के कारण किसान कम कीमत पर बाजार में धान बेचने को मजबूर हैं।

क्या कहते हैं किसान

क्षेत्रीय किसान दयाशंकर तिवारी, कपिलमुनि पांडेय, राजकपिल महतो, सीताराम सिंह, बडकन सिंह, राघवेंद्र तिवारी आदि ने ने बताया कि किसान मौसम की मार झेलते हुए किसी तरह धान का उत्पादन करते हैं, लेकिन सरकारी खरीदार नहीं होने के कारण बेचैनी बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि किसानों की परेशानी के प्रति विभाग उदासीन है।


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