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बिना स्वीकृति बन रही सड़क का निर्माण रास्ते के विवाद में रुका

मामले में जानकारी लेने के लिए योजना विभाग के कार्यपालक अभियंता तथा कनीय अभियंता से बात की गई तो उन्होंने भी निर्माण को लेकर अनभिज्ञता जताई. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि मामले की जांच करायी जाएगी। ऐसे में महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि इतनी अनियमितताओं के साथ आखिर निर्माण कैसे शुरू हो गया? और जब निर्माण शुरू हुआ तो योजना विभाग के अधिकारियों को यह भनक क्यों नहीं लगी कि निर्माण स्थल निजी भूखंड पर है?

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 05:36 PM (IST)
बिना स्वीकृति बन रही सड़क का निर्माण रास्ते के विवाद में रुका
बिना स्वीकृति बन रही सड़क का निर्माण रास्ते के विवाद में रुका

बक्सर : अपनी कार्यशैली से हमेशा चर्चा में रहने वाले योजना विभाग का एक नया कारनामा फिर से सामने आया है। योजना विभाग के द्वारा नगर के गोलंबर के समीप बनाई जा रही एक सड़क को बनाने के महज 24 घंटे के भीतर ही उखाड़ दी गई। सड़क के उखाड़े जाने के बाद जहां स्थानीय लोगों में आक्रोश कायम हो गया। वहीं, जब मामले की तफ्तीश की गई तो ज्ञात हुआ कि, जिस जमीन पर रास्ता बनाया जा रहा था, वह जमीन दरअसल किसी निजी व्यक्ति की है।

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जैसे ही उस जमीन पर निर्माण की जानकारी जमीन मालिक को लगी उसने ऐतराज जताया, जिसके बाद आनन-फानन में ठीकेदार के द्वारा ईट सोलिग को उखड़वाया गया। आश्चर्य की बात तो यह है कि, निर्माण किसी योजना से हो रहा है तथा कितने लागत से कितने दूर की सड़क बनाई जानी है इसका भी कहीं कोई उल्लेख नहीं है। योजना के निर्माण से पूर्व लगाया जाने वाला बोर्ड भी कहीं नजर नहीं आया।

जानकारी के मुताबिक नगर के गोलंबर के समीप युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय एवं खुंटहा पैक्स अध्यक्ष गगन सिंह के संयुक्त मालिकाना हक वाला एक भूखंड है। इसी भूखंड पर अवैध कब्जा किए जाने की बात सामने आने पर विरोध किए जाने पर कुछ वर्षों पूर्व पैक्स अध्यक्ष पर जानलेवा हमला हुआ था। एक बार फिर जब उसी जमीन पर सड़क निर्माण की बात सामने आई तो मामला फिर से गर्म हो गया। उनकी जमीन पर सड़क निर्माण की सूचना मिलते ही युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष एवं पैक्स अध्यक्ष द्वारा उस पर कड़ा ऐतराज जताया गया। इसके बाद ठीकेदार द्वारा आनन-फानन में ईंट सोलिग को हटवाया गया। मामले में जानकारी लेने के लिए योजना विभाग के कार्यपालक अभियंता तथा कनीय अभियंता से बात की गई तो उन्होंने भी निर्माण को लेकर अनभिज्ञता जताई। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। ऐसे में महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि, इतनी अनियमितताओं के साथ आखिर निर्माण कैसे शुरू हो गया? और जब निर्माण शुरू हुआ तो योजना विभाग के अधिकारियों को यह भनक क्यों नहीं लगी कि, निर्माण स्थल निजी भूखंड पर है।


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