डुमरांव में मेडिकल कॉलेज खुलने का रास्ता साफ
चुनाव से पहले बक्सर को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए
बक्सर। चुनाव से पहले बक्सर को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए जो प्रस्ताव दिया था। उस पर राज्य सरकार ने सहमति दे दी है। कॉलेज के लिए डुमरांव में हरियाणा फॉर्म की 25 एकड़ जमीन दी जाएगी। भूमि हस्तानांतरण पर पशुपालन विभाग ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। भूमि हस्तानांतरण का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया है।
सोमवार को हरियाणा फार्म पहुंचे पशुपालन विभाग के डायरेक्टर विनोद ¨सह गुंजियाल ने भूमि हस्तानांतरण के प्रस्ताव में आंशिक संसोधन को कहा है। साथ ही डायरेक्टर ने कह दिया कि मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का एनओसी जल्द दे दिया जाएगा। इससे स्पष्ट है कि इसी साल के अंत में डुमरांव में मेडिकल कॉलेज की नींव डाली जाएगी। बताया जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री होने के नाते स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे इस परियोजना में खुद दिलचस्पी ले रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिल चुके हैं। जिससे जमीन को लेकर कोई अड़चन सामने नहीं आए। स्वास्थ्य सेवा में साबित होगा मील का पत्थर
दरअसल, बक्सर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना शाहाबाद में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 84 से जुड़े डुमरांव में मेडिकल कॉलेज होने से इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार हरियाण फॉर्म में मेडिकल कॉलेज के लिए जितनी जमीन की मांग गई है। वह वहां मौजूद है। हरियाण फॉर्म के नाम से डुमरांव में 426.26 एकड़ जमीन अधिसूचित है। इस जमीन पर मालिकाना हक राज्य के पशुपालन विभाग का है। इसमें से दो सौ एकड़ जमीन पहले बिहार मिलिट्री पुलिस के लिए राज्य के गृह विभाग को हस्तानांतरित की गई थी। अभी हाल में अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए भी यहीं साढ़े पांच एकड़ जमीन दी गई है। पशुपालन विभाग खुद यहां गोकुल ग्राम योजना पर काम कर रहा है। देशी नस्ल के पशुओं को सहेजने के लिए इस बड़ी परियोजना का शिलान्यास पिछले साल ही होना था, लेकिन शिलान्यास के दिन ही बक्सर में जिलाधिकारी के ओएसडी मो.अकरम द्वारा अत्महत्या कर लिए जाने के कारण उस दिन कार्यक्रम टल गया था। उसके बाद से अभी इस परियोजना पर बात आगे नहीं बढ़ी। डायरेक्टर ने स्पष्ट कर दिया कि फॉर्म के 74 एकड़ जमीन गोकुल ग्राम के लिए होगा। गोकुल ग्राम के बाद भी मेडिकल कॉलेज के लिए पर्याप्त जमीन
अंचल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा फॉर्म में गोकुल ग्राम योजना के लिए जमीन देने के बाद भी मेडिकल कॉलेज के लिए पर्याप्त जमीन है। अभी बीएमपी एवं अनुमंडल-अस्पताल आदि को देने के बाद वहां हरियाणा फार्म की लगभग दो सौ एकड़ जमीन बच रही है। इसमें से साढ़े पांच एकड़ जमीन व्यवहार न्यायालय को दी गई है। गोकुल ग्राम परियोजना के लिए पशुपालन विभाग को 75 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के लिए 25 एकड़ जमीन देने में विभाग को कोई परेशानी नहीं है। पिछले दिनों गोकुल ग्राम परियोजना को लेकर हरियाणा फॉर्म का निरीक्षण करने आई पशुपालन विभाग के निदेशक विनोद ¨सह गुंजियाल ने भी मेडिकल कॉलेज को जमीन देने पर सहमति जताई। इसके बाद कागजी कार्रवाई तेजी से पूरी की जा रही है।
कहते हैं सीओ
मेडिकल कॉलेज के लिए सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में संशोधन का निर्देश प्राप्त हुआ है। जल्द ही सरकार को मेडिकल कॉलेज का भूमि हस्तानांतरण का संशोधित प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। ताकि, मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए एनओसी जल्द मिल सके।
सुमंतनाथ, सीओ, डुमरांव