Bihar Crime News: मां के साथ नजदीकी से नाराज भाई ने बहन को गोलियों से भूना, बक्सर ले जाने के दौरान हुई मौत
बक्सर के नावानगर क्षेत्र के आथर गांव में सगे भाई द्वारा बहन (शिक्षिका) की हत्या में पुलिस ने दो लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इसी के साथ घटना की असली तात्कालिक वजह भी सामने आ गयी है।
संवाद सहयोगी, बक्सर: नावानगर के आथर गांव में सगे भाई द्वारा बहन (शिक्षिका) की हत्या में पुलिस ने दो लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इसी के साथ घटना की असली तात्कालिक वजह भी सामने आ गयी है। शिक्षिका की माता सोनपती देवी ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया है कि उनके बेटे मालिक यादव ने ही अपनी सगी बहन की हत्या गोली मारकर कर दी।
गोदान को लेकर भाई-बहन में हुआ था विवाद
इस मामले में सुमेर की पत्नी प्रियंका कुमारी को भी नामजद आरोपी बनाया गया है। हत्या के दिन माता-पिता से गो-दान कराने के मसले पर दोनों भाई-बहन के बीच विवाद हुआ था। बहन की मां-पिता से बढ़ती नजदीकी से भी वह नाराज था।
पोछा लगा रही थी बहन तभी मारी गोली
कविता कुमारी की मां ने पुलिस को बताया है कि हत्या के दिन वह अपने पति के साथ गाय की बछिया दान करने वाली थीं। शिक्षिका बेटी इसकी तैयारी में जुटी थी, जिसका विरोध उसका भाई कर रहा था। बुधवार सुबह शिक्षिका घर के आगे झाड़ू लगा रही थी।
इसी दौरान सुमेर यादव हाथ में देसी कट्टा लेकर आया और अपनी बहन के सीने में सटाकर गोली मारकर नहर की तरफ फरार हो गया। गोली की आवाज सुन कर जब वह लोग बाहर आए, तो देखे कि बेटी खून से लथपथ होकर जमीन पर गिरी है।
बक्सर ले जाने के दौरान हुई मौत
ग्रामीणों के सहयोग से उसे पहले डुमरांव फिर बक्सर ले जाने के दौरान मौत हो गई। इधर, अस्पताल जाने की व्यस्तता को देखकर सुमेर की पत्नी प्रियंका कुमारी भी फरार हो गई। सनद रहे कि चौगाईं प्रखंड के अमसारी प्राथमिक विद्यालय की प्रधान शिक्षिका कविता कुमारी की हत्या उनके ही छोटे भाई ने कर दी थी।
अपराधी को बढ़ावा देना शिक्षिका के लिए हुआ जानलेवा
सुमेर यादव का पुराना आपराधिक इतिहास है। वह पहले भी एक शिक्षक की हत्या तक कर चुका है। इस मामले में वह जेल भी जा चुका है। इसके अलावा भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, एक वक्त कविता अपने छोटे भाई के हर अपराध में उसका साथ देती थी।
लोग तो यहां तक भी कहते हैं कि सुमेर ने अपनी बहन के ही इशारे पर कई वारदातों को अंजाम दिया। लेकिन, बीते दिनों तब दोनों के संबंधों में खटास आने लगी, जब बहन अपनी ससुराल छोड़कर मायके चली आयी।
कविता अपने मायके में ही रहने लगी और पुश्तैनी जमीन पर अपने लिए घर बनाने लगी। भाई को यह पसंद नहीं था कि बहन जायदाद में हिस्सेदार बने। कविता अपने दो भाइयों से बड़ी थी। उनके एक भाई की मौत पहले ही हो चुकी है।