एनपीए घटाने के लिए बैंक ने फेंका किसानों पर पासा
दिए गए कर्ज के डूबे से देशभर के बैंक परेशान हैं और बक्सर भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी विभिन्न बैंकों के सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम एनपीए में चली गई है। अब अपने डूबे कर्ज को वसूलने के लिए बैंक आकर्षक स्कीम लेकर आ रहे हैं।
बक्सर । दिए गए कर्ज के डूबे से देशभर के बैंक परेशान हैं और बक्सर भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी विभिन्न बैंकों के सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम एनपीए में चली गई है। अब अपने डूबे कर्ज को वसूलने के लिए बैंक आकर्षक स्कीम लेकर आ रहे हैं। किसान कर्ज की राशि जमा करना चाहे तो यह समय उनके लिए बहुत अनुकूल होगा।
इसी कड़ी में बैंक ऑफ इंडिया के नेनुआ शाखा ने बैंक के केसीसी धारक किसानों से ऋण वसूली के लिए फॉर्मूला तैयार किया है। बैंक ने ऋण धारक किसानों के ब्याज में माफी के लिए 15 जनवरी का अवसर निर्धारित करते हुए कहा है कि किसान अगर इस अवधि में अपने खेत में उत्पादित धान की बिक्री कर पैसा जमा करते है तो उन्हें ब्याज में भारी छूट दी जाएगी। बैंक के वरीय शाखा प्रबंधक चंद्रमौली ¨सह ने तैयार अपनी योजना की जानकारी देते हुए कहा कि किसान अगर खेत में उत्पादित ध्यान को बेचकर केसीसी लोन पर पैसा जमा करेंगे तो उन्हें ब्याज में भारी छूट का अवसर मिलेगा। बैंक ने अपनी योजना की जानकारी उन सभी 245 केसीसी लोन धारकों को दे दी है। जिनका कर्ज नियमित रूप से वापस नहीं आ रहा है। इस बैंक के केसीसी लोन के कुल खाताधारक की संख्या 463 है। इन खाताधारकों के बीच बैंक द्वारा दो 2 करोड़ 58 लाख रुपया ऋण के रूप में दिया गया है। 463 किसानों में से 218 किसानों ने अपने कृषि ऋण की राशि को नियमित रूप से जमा कर बेहतर खाताधारक के रूप में अपनी पहचान कायम रखी। लेकिन, 245 ऋणधारक किसान अपने खाता का संचालन सही ढंग से नहीं कर पाए। बैंक ने उन किसानों को एक मौका प्रदान करते हुए यह स्कीम दिया है। वहीं, किसानों का कहना है कि उनका धान सही से बिक जाए तो वे इस बारे में सोचें।