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देर शाम तक हुई खरीदारी, मेहमानवाजी की पूरी तैयारी

पैगाम-ए-मोहब्बत की राह में त्याग का पर्व ईद-उल-अजहा आज सोमवार को मनाया जाएगा। पर्व की तैयारी को लेकर रविवार को बाजार की रौनक देखते बनी। एक ओर मुस्लिम समुदाय के लोग पर्व की तैयारियों में जुटे थे वहीं मेहमान नवाजी के हर छोटे-बड़े सामग्री की खरीदारी को लेकर दुकानों में भीड़ उमड़ी थी। इस पर्व पर अल्लाह से बेपनाह मोहब्बत करने वाले उनके हुक्म पर उनकी राह में कुर्बानी देते हैं जो मोहब्बत और त्याग की पहचान देता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 04:27 PM (IST)
देर शाम तक हुई खरीदारी, मेहमानवाजी की पूरी तैयारी
देर शाम तक हुई खरीदारी, मेहमानवाजी की पूरी तैयारी

बक्सर । पैगाम-ए-मोहब्बत की राह में त्याग का पर्व ईद-उल-अजहा आज सोमवार को मनाया जाएगा। पर्व की तैयारी को लेकर रविवार को बाजार की रौनक देखते बनी। एक ओर मुस्लिम समुदाय के लोग पर्व की तैयारियों में जुटे थे, वहीं मेहमान नवाजी के हर छोटे-बड़े सामग्री की खरीदारी को लेकर दुकानों में भीड़ उमड़ी थी। इस पर्व पर अल्लाह से बेपनाह मोहब्बत करने वाले उनके हुक्म पर उनकी राह में कुर्बानी देते हैं, जो मोहब्बत और त्याग की पहचान देता है।

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बकरीद पर नमाज को लेकर मस्जिदों ने सूची जारी कर दी है। जामा मस्जिद बक्सर के सचिव मो.एजाज और चौसा खानकाही मस्जिद के इमाम मौलाना मु़ख्तार आलम बताते हैं कि यह पर्व इंसानों के लिए अल्लाह से मोहब्बत और विश्वास की सीख देता है। वहीं, त्याग को भी दर्शाता है। इमाम ने बताया अल्लाह के पैगम्बर हजरत इब्राहिम अल्लाह से बेपनाह मोहब्बत करते थे। एक बार अल्लाह ने उनका इम्तहान लेने के उद्देश्य से उन्हें हुक्म दिया की ऐ इब्राहिम तुम मेरी रजा के लिए अपनी सबसे प्यारी तथा अजीज चीज को मेरी राह में कुर्बानी दो। इब्राहिम सोच में पड़ गए। ऐसा क्या? उन्होंने निर्णय लिया कि मेरा सबसे अजीज तथा प्यारी चीज मेरा पुत्र इस्माइल है। वह अपने पुत्र की कुर्बानी देने के लिए चल पड़े। उन्होंने अपने कुर्बानी देने के लिए अपने बेटे को लिटा दिया। लेकिन, कुर्बानी के बाद इस्माइल बगल में खड़े पाए गए। जबकि, कुर्बानी की जगह दुमा (बकरे जैसा जानवर) लिटा हुआ मिला। जिसके बाद से आज तक कुर्बानी देने की परम्परा चली आ रही है। उन्होंने बताया कि जिसके पास माल-असबाब है। उन्हें जानवरों की कुर्बानी देनी चाहिए। ईद -उल-अजहा पर गरीब व मजलूमों पर ध्यान देना चाहिए। ईद-उल-अजहा का पर्व इस्लाम में मुसलमानों को समानता बनाए रखने का पैगाम देता है। बताया गया है कि इस्लाम में गरीब और अमीर की दूरिया नहीं रखनी चाहिए। हमेशा इसका ख्याल रखना चाहिए। कल मस्जिदों में नमाज का समय . मदीना मस्जिद, खलासी मोहल्ला- सुबह 7.30 बजे

. शाही मस्जिद, सराय फाटक- सुबह 7.30 बजे

. सोहनीपट्टी मस्जिद- सुबह 7.30 बजे

. कचहरी मस्जिद, मुनीम चौक- सुबह 7.30 बजे

. जामा मस्जिद, मेन रोड- सुबह 7.45 बजे

. मुसाफिरगंज मस्जिद- सुबह 7.45 बजे

. नई बाजार मस्जिद - सुबह 7.45 बजे

. सेंट्रल जेल मस्जिद- सुबह 7.45 बजे

. सिविल लाइन मस्जिद- सुबह 7.45 बजे

. दूधपोखरी कब्रिस्तान, कोईरपुरवा- सुबह 8.30 बजे

. जुलफजल मस्जिद, खलासी मोहल्ला- सुबह 8.15 बजे

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