पशु मेला में अनंत ¨सह का घोड़ा बना आकर्षण का केंद्र
मिनी सोनपुर मेला के नाम से मशहूर ब्रह्मपुर का पशु मेला इस बार एक से एक देशी व विदेशी नस्ल के घोड़े की मेजबानी कर रहा है।
बक्सर : मिनी सोनपुर मेला के नाम से मशहूर ब्रह्मपुर का पशु मेला इस बार एक से एक देशी व विदेशी नस्ल के घोड़े की मेजबानी कर रहा है। ब्रह्मेश्वर धाम में शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर प्रारंभ हो रहे इस मेला मोकामा से विधायक जेल में बंद अनंत का ¨सह का घोड़ा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मेला में घोड़े के साथ बड़ी संख्या में विदेशी नस्ल के कुत्ते व घोड़े भी बिक्री के लिए आए हैं।
सूबे के कोने-कोने समेत पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए घोड़ों के शौकीन अपने लाव-लश्कर के साथ मेला में टेंट गाड़कर रेस प्रतियोगिता का इंतजार कर रहे हैं। वैसे तो मेले में सैकडा़ें शौकीनों के टेंट हाईस्कूल के मैदान में लग चुके हैं। लेकिन, मोकामा विधायक अनंत ¨सह, भोजपुर के बिरेन्द्र सम्राट, बक्सर के इन्दुलेश पाठक, ब्रह्मपुर के राजद अध्यक्ष जैनदू यादव व डुमरी के संजीव कुमार ¨सह उर्फ ¨सकू ¨सह का पंडाल चर्चा का विषय बना हुआ है। एक से एक कुत्ते भी मेला में आए हैं। इनमें विदेशी नस्ल का लैब्रा डॉग आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ पूरे दिन जुट रही है।
मेला में कुव्यवस्था से व्यापारी परेशान
मेला में व्याप्त कुव्यवस्था के चलते दूर-दूर से आए पशु व्यापारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह मेला नीलामी नहीं होना बताया जा रहा है। अंतिम क्षणों तक प्रशासन मेला की नीलामी में लगा रहा, लेकिन आधार दर 25 लाख रुपये से भी ज्यादा होने के कारण कोई संवेदक मेला की सैराती की बोली लगाने नहीं पहुंचा। अंतत प्रशासन स्वयं ही मेला की उगाही करने के लिए आगे आया। इसके बावजूद गुरुवार को कर्मचारियों की कमी से रसीद कटवाने के लिए खरीदार घूमते रहे। अंचलाधिकारी का कहना है कि प्रशासनिक निर्णय में देर होने के चलते ऐसी स्थिति उत्पत्र हुई है।
मेले में नदारद व्यवस्था
हाईस्कूल के मैदान व आसपास की खाली जमीनों पर लगे पशु मेला में लाइट व पानी की घोर समस्या है। हाईस्कूल प्रांगण में लगे एकमात्र चापाकल के सहारे व्यापारियों व पशुओं की प्यास बुझ रही है। आगरा से आए व्यापारी राम प्रसाद, उदयवीर, मथुरा के मो. खान, रामनिवास ¨सह, रसड़ा के वंशी यादव का कहना है कि इस बार मेला न तो लाइट की व्यवस्था तो है न ही पेयजल की। प्यास बुझाने के लिए मजबूरी में पानी खरीदना पड़ रहा हैं। यूपी के हाथरस से आए घोड़ा व्यापारी मो.जलाल़ुद्दीन व संजीव खान का कहना है कि बीस साल में इतनी कुव्यवस्था यहां पहली बार देखने को मिल रही है।
कहते हैं अधिकारी
मेला की नीलामी होने की आस में वे लोग पहले से इंतजाम नहीं कर सके। अब मेला संचालन की जिम्मेदारी प्रशासन पर ही है। इसलिए, शुक्रवार तक सारी व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी।
श्रीभगवान ¨सह, अंचलाधिकारी, ब्रह्मपुर।