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सत्ता के खेल में सारे समीकरण फेल

बक्सर। निकाय चुनाव के नव निर्वाचित पार्षदों ने स्वच्छ छवि के पार्षद को चेयरमैन का सम्मानित कुर्सी

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 07:24 PM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 07:24 PM (IST)
सत्ता के खेल में सारे समीकरण फेल
सत्ता के खेल में सारे समीकरण फेल

बक्सर। निकाय चुनाव के नव निर्वाचित पार्षदों ने स्वच्छ छवि के पार्षद को चेयरमैन का सम्मानित कुर्सी देने के संकल्प लिया था। इसके लिए कई प्रयास के साथ ही पार्षदों ने रथयात्रा का आयोजन कर अपनी एकता का परिचय दिया था। सत्ता के खेल के लिए जरुरी से अधिक संख्या में पार्षदों की एकजुटता से उम्मीद थी कि जनता द्वारा दिए गए जनादेश के समान ही नप की सत्ता में बदलाव होगा। लेकिन, रथयात्रा के चंद घंटों बाद ही इस एकता को राजनीति के शतरंजी चाल को चलने वालों की नजर लग गई। फिर तो सत्ता के खेल में सारे समीकरण फेल हो गए। बात ऐसी बिगड़ी कि बोर्ड के गठन के लिए एकत्रित सभी 17 सर्टिफिकेट भी पार्षदों को लौटा दिए गए। कई पार्षद बोर्ड के गठन के लिए शुरू हुई बोली में शामिल हो गए। बताया जाता है कि लाख से शुरू हुई बात लाखों में पहुंच गई। दो दावेदार बोली में अब भी आगे चल रहे हैं। फिलहाल भ्रष्टाचार और वर्गफीट के आधार पर हो¨ल्डग टैक्स का मुद्दा गौड़ पड़ गया है। हालांकि, एक पक्ष इस मुद्दे को हवा देकर यह जता रहा है कि बदलाव जनता का जनादेश है। जनादेश का सम्मान होना चाहिए। इस मुहिम में कुछ पार्षदों के होने से उम्मीद है कि बदलाव के बयार को गति मिलेगी। इसी मजबूती के लिए 26 में से 17 पार्षदों ने कहा कि भ्रष्टाचार और विकास योजनाओं में लूट के कारण नप की पिछली सत्ता जनता के विश्वास को तोड़ चुकी है। कहा गया था कि चुनाव में जनता का जनादेश पूरी तरह से बदलाव के लिए मिला है। वार्ड पार्षद प्रतिनिधि धीरज कुमार ने कहा कि कुछ लोग फिर से जनभावनाओं को कुचल कर बदलाव के बजाय नप की सत्ता कुर्सी को पाने के लिए पार्षदों की खरीद-फरोख्त में लगे हैं। रथयात्रा में पार्षदों की एकजुटता ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी की भी दाल आसानी से नहीं गलेगी। पार्षदों की यह एकजुटता नप के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी लड़ाई को और अधिक धारदार बनाने का संकेत दे दिया था। लेकिन, पार्षदों के बदले पैतरे से प्रतीत हो रहा है कि दाल में कुछ काला है। उधर, पार्षदों के बदले पैतरें से लोगों में चर्चा बढ़ गई है कि कहीं सारी दाल ही तो काली नहीं है। इस हथकंडे के बीच एक पक्ष इस प्रयास में लगा है कि मामला तीसरे की ओर मुड़़ जाए। तीसरे मोर्चे के गठन का प्रयास कितना सफल होगा यह तो समय बताएगा। वैसे अभी इस संग्राम में तीन मोर्चे पर जंग जारी है तथा अभी तक किसी की दाल नहीं गल पाई है। इससे पार्षदों के साथ ही उन लोगों का पैतरा जारी है जिनकी गहरी रूचि नप की राजनीति में है।


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