कल स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर खिलाई जायेगी अल्बेंडाजोल की गोली
कृमिमुक्ति अभियान के तहत कल सोमवार को जिला में बच्चों व किशोरों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी।
शेखपुरा । कृमिमुक्ति अभियान के तहत कल सोमवार को जिला में बच्चों व किशोरों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जायेगी। यह गोली बच्चों व किशोरों के पेट में होने वाली विभिन्न तरह की कृमि का नाश के लिए खिलाई जायेगी। इसी को लेकर शनिवार को शेखपुरा के अभ्यास मिडिल स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ एमपी ¨सह ने छात्र-छात्राओं को पेट में होने वाली कृमि से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने कुछ छात्र-छात्राओं को अल्बेंडाजोल की गोली भी खिलाई। इस कार्यक्रम में डीपीएम श्याम कुमार निर्मल, जीविका की डीपीएम अनीशा गांगुली तथा स्कूल के शिक्षक-शिक्षिका भी शामिल हुए। कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चों तथा किशोरों में कृमि होने की मुख्य वजह गंदगी है। बच्चे ठीक से हाथ धोकर खाना नहीं खाते हैं तथा हाथ-पैर का ना़खून सा़फ नहीं करते हैं। इसके अलावे खाली पैर शौच जाने एवं खुले में शौच से कृमि फैलती है। ---
साढ़े तीन लाख बच्चों को खिलाई जाएगी गोली
पेट की कृमि ़खत्म करने के लिए जिला के तीन लाख 50 हजार 863 बच्चों को यह गोली खिलाई जाएगी। इस बाबत सिविल सर्जन ने बताया कि यह गोली एक साल से उन्नीस साल तक की आयु के बच्चों व किशोरों को खिलाई जानी है। इसके लिए कल सोमवार को जिला के सभी स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करके यह गोली खिलाई जायेगी। बताया गया कि एक साल से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली तथा दो साल से उपर के बच्चों को किशोरों को एक गोली चबाकर खाना है। बताया गया कि जो बच्चे कल 18 ़फरवरी को दवा खाने से छूट जाएंगे उन्हें पांच मार्च को यही गोली खिलाई जायेगी। बताया गया कि इसके लिए जिला के स्कूलों में नामांकित एक लाख 90 हजार 816 तथा आंगनबाड़ी केंद्रों पर नामांकित 98 हजार 514 बच्चों को विशेष रूप से चिह्नित किया गया है। ---
पेट की कृमि बच्चों के स्वस्थ्य का बड़ा दुश्मन
सिविल सर्जन ने बताया कि बच्चों के पेट में होने वाली कृमि बच्चों के स्वास्थ्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। शनिवार को अभ्यास मिडिल स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि अगर पेट में कृमि हो जाती है तो यह पीड़ित बच्चे के स्वास्थ्य को कब्जे में कर लेती है। उन्होंने बताया कि भोजन व विभिन्न खाद्य सामग्री से बच्चों को मिलने वाला पोषण यह पेट की कृमि निगल लेती है। बताया गया कि पेट की कृमि पीड़ित बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास को भी अवरुद्ध कर देता है। इससे बच्चे खून की कमी से भी ग्रसित हो जाते हैं। बताया गया कि इससे बच्चों को पढ़ने में भी मन नहीं लगता है। कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने कहा कि पेट में क्रीमी पैदा होने से बच्चा विटामिन ए की कमी से भी प्रभावित हो जाते हैं। बताया गया कि पेट की कृमि बच्चों में कई तरह के रोग भी पैदा करती है।