Move to Jagran APP

पांडेय पट्टी में पोखर की जमीन पर बने मकानों को प्रशासन ने किया ध्वस्त

बक्सर सदर अंचल के पांडेय पट्टी में पोखर की 13 कट्ठा जमीन का अतिक्रमण को पटना उच्च न्यायालय क

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 09:09 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 09:09 PM (IST)
पांडेय पट्टी में पोखर की जमीन पर बने मकानों को प्रशासन ने किया ध्वस्त
पांडेय पट्टी में पोखर की जमीन पर बने मकानों को प्रशासन ने किया ध्वस्त

बक्सर: सदर अंचल के पांडेय पट्टी में पोखर की 13 कट्ठा जमीन का अतिक्रमण को पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार हटाना शुरु किया गया। मौके पर अंचलाधिकारी प्रियंका राय, अपर अनुमंडल पदाधिकारी दीपक कुमार, अंचल कर्मी सुदामा सिंह, नगर परिषद कर्मी विजय चौरसिया भारी संख्या में सुरक्षाबलों को लेकर पहुंचे थे ताकि, अगर अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी तरह का विरोध हो तो उस से निपटा जा सके। प्रशासन की मौजूदगी में शांतिपूर्ण ढंग से अतिक्रमण हटाया गया। मौके पर स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से कुछ समय मांगा लेकिन, प्रशासन ने न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए पोकलेन मशीन से पोखर की जमीन पर बने मकानों को ध्वस्त कर दिया।

loksabha election banner

दरअसल, पांडेय पट्टी में पोखर की जमीन पर पक्का निर्माण किए जाने के विरुद्ध न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई करते न्यायालय के द्वारा अंचलाधिकारी को 4 सप्ताह के भीतर पोखर का अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में जो भी मकान आदि पोखर की जमीन पर बनाए गए हैं उन्हें बलपूर्वक तोड़कर हटाया जा रहा है। याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने बताया था कि, उक्त पोखर अनाबाद सर्वसाधारण की जमीन है, जिस पर 15 वर्षों से लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है। पोखर को भरकर उस पर पक्का निर्माण भी कर दिया गया। मामले में पाण्डेयपट्टी के रहने वाले सिधु चौधरी, संजय यादव, शिवबालक गोंड़, पंडित यादव समेत 11 लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लेने की बात प्रकाश में लाई गई थी। जिसके बाद अतिक्रमण हटाने के लिए अंचलाधिकारी द्वारा बार-बार निर्देशित भी किया गया था।

पिछले वर्ष कि दिसंबर माह में अंचलाधिकारी के द्वारा तीसरी नोटिस देते हुए अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया लेकिन, अतिक्रमण नहीं हटाया गया। बाद में इस मामले को लेकर न्यायालय में वाद लाया गया जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय के द्वारा यह आदेश दिया गया।

करोड़ों रुपये है अतिक्रमित जमीन की कीमत

स्थानीय निवासी संजय तिवारी के मुताबिक जिस भूखंड का अतिक्रमण किया गया है उसकी कुल कीमत तकरीबन 2 करोड़ रुपये है। साथ ही जिन लोगों ने अतिक्रमण किया है वह सभी न तो भूमिहीन है और ना ही गरीब परिवार से आते हैं। जिन लोगों ने इस भूखंड पर कब्जा किया है उनमें से कई तो सरकारी नौकरियों में बड़े पदों पर आसीन हैं।

भूमिहीन लोगों ने प्रशासन से की कहीं और जमीन दिलाने की मांग

अतिक्रमणकारियों में शामिल शिवबालक गोंड़, ब्रह्मा विष्णु गोंड़ तथा रामाश्रय गोंड ने कहा कि वह लोग भूमिहीन हैं तथा सरकारी जमीन पर वर्षों से अपना मकान बनाकर रह रहे थे। आज जब अतिक्रमण हटा दिया गया है ऐसे में एक बार फिर व उनके सिर से छत हट गई है। ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग की कि उन्हें कहीं और अपना आसरा बनाने के लिए जमीन दी जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.