दुर्घटनाओं में मौत की वजह तकनीकी त्रुटि या लापरवाही, नहीं हो रही जांच
जिले में आये दिन सड़क हादसे होते हैं और जानमाल की हानि होती है। पिछले साल सड़क हादसे ने जिले में 93 लोगों ने जान गंवाई। इनमें कई हादसे चारपहिया गाड़ियों से संबंधित रहे। इनमें कई लोगों को केवल इसलिए जान गंवानी पड़ी कि वाहनों के एअर बैग्स जैसे सुरक्षा फीचर ने समय पर दगा दे दिया।
बक्सर । जिले में आये दिन सड़क हादसे होते हैं और जानमाल की हानि होती है। पिछले साल सड़क हादसे ने जिले में 93 लोगों ने जान गंवाई। इनमें कई हादसे चारपहिया गाड़ियों से संबंधित रहे। इनमें कई लोगों को केवल इसलिए जान गंवानी पड़ी कि वाहनों के एअर बैग्स जैसे सुरक्षा फीचर ने समय पर दगा दे दिया। शुक्रवार की रात नया भोजपुर के पास सड़क दुर्घटना में दंपति की मौत के बाद फिर से यह सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, दुर्घटना में मारे गए पति-पत्नी अगली सीट पर थे। जबकि बच्चे पिछली सीट पर बैठे थे। ट्रक से सीधी टक्कर के बाद दंपति बुरी तरह जख्मी हो गए और उनकी मौत हो गई। सवाल उठ रहे हैं कि जब कार की ट्रक से टक्कर हुई तो उसके फ्रंट एयर बैग्स क्यों नहीं खुले? यदि एयर बैग्स खुल जाते तो दंपति की जान बचने की संभावना बनी रहती। सरकार ने सभी कारों में इस सुरक्षा फीचर को अनिवार्य किया है। जबकि, जिस कार से दंपति सफर कर रहे थे वह लक्जरी श्रेणी की कार थी। ऐसे में इस बात की जांच भी होनी चाहिए कि दुर्घटना के समय उसके सुरक्षा फीचर ने काम किया या नहीं। एयर बैग्स नहीं खुले तो इसकी क्या वजह रही, कहीं तकनीकी खामी तो इसकी वजह नहीं बन रही? इस घटना में राहत और बचाव कार्य मे भूमिका निभाने वाले राजेश ¨सह बताते हैं कि कार कंपनियां एयर बैग्स समेत अन्य सुरक्षा फीचर के नाम पर ग्राहकों से मोटी रकम वसूलती हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं की जांच के दायरे में इसे भी शामिल किया जाना चाहिए। क्या थी घटना कहते हैं एक्सपर्ट ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट दास मोटर के दीपू जी दास कहते हैं कि कई बार अपनी लापरवाही की वजह से सुरक्षा फीचर काम नहीं करते, एयर बैग्स तभी काम करते हैं जब चालक और आगे कि सीट पर बैठा यात्री सीट बेल्ट बांधे हो।