राशन कार्ड लेकर आएं, आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाएं
सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 के अंतर्गत अगर आपका नाम निर्धारित श्रेणी में दर्ज है तो आपको आयुष्मान भारत की योजना के अंतर्गत साल में पांच लाख रुपये तक के इलाज का लाभ मिल सकता है।
बक्सर । सामाजिक-आर्थिक जनगणना 2011 के अंतर्गत अगर आपका नाम निर्धारित श्रेणी में दर्ज है तो आपको आयुष्मान भारत की योजना के अंतर्गत साल में पांच लाख रुपये तक के इलाज का लाभ मिल सकता है। इसके लिए आपको सरकारी किसी अस्पताल में आधार कार्ड अथवा राशन कार्ड लेकर जाना होगा। वहां इन कार्ड्स के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि आप निर्धारित श्रेणी में आते हैं कि नहीं। अगर आप उस श्रेणी में आते हैं तो स्वास्थ्य विभाग आपको गोल्डेन कार्ड इश्यु करेगा और उसके माध्यम से आपके परिवार का पांच लाख रुपये तक का इलाज हो सकता है। बुधवार को सदर अस्पताल में पहुंची सेंट्रल की टीम ने चिकित्सक एवं कर्मियों को प्रशिक्षण के दौरान यह जानकारी उपलब्ध कराई। टीम ने मरीजों को इस योजना का लाभ कैसे दिया जाएगा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमंडलीय अस्पताल या सदर अस्पताल में इस योजना के अंतर्गत मरीजों का इलाज किया जा सकता है। बताया गया कि मरीज जब राशन कार्ड लेकर पहुंचेगा तो वह आरोग्य मित्र(वहां तैनात डॉटा ऑपरेटर) से मिलेगा। आरोग्य मित्र यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकता है अथवा नहीं। अगर संबंधित मरीज को योजना का लाभ मिल सकता है तो उसके नाम पर गोल्डेन कार्ड जेनरेट करने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और उसके बाद उस योजना के तहत मरीज का इलाज प्रारंभ कर दिया जाएगा। प्रशिक्षण में सिविल सर्जन डॉ.के के लाल, डीआईओ डॉ.आर के ¨सह, जिला स्तरीय सभी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कोल्ड चेन मैनेजर मनीष सिन्हा, सभी पीएचसी के हेल्थ मैनेजर, बीसीएम, डॉटा ऑपरेटर आदि मौजूद थे। हर बीमारी के लिए निर्धारित है पैकेज
आयुष्मान भारत के अंतर्गत गोल्डेन कार्ड के माध्यम से मरीजों के इलाज के लिए हर बीमारी का पैकेज निर्धारित है। मसलन, अगर किसी मरीज के हार्ट की एंजीओप्लास्टी कराई जाएगी तो उसमें 1 लाख 45 हजार रुपये खर्च आएंगे। डीआइओ डॉ.¨सह ने बताया कि इसी तरह हर बीमारी के लिए अलग-अलग पैकेज निर्धारित है। खास बात यह है कि पैकेज की जो राशि है उसका 25 प्रतिशत हिस्सा मरीज का चिकित्सा करने वाली टीम को मिलेगा जबकि, उसका 75 प्रतिशत हिस्सा अस्पताल के अंतर्गत खुले आयुष्मान के खाते में जमा होगा। उक्त पैसे से अस्पताल का विकास किया जाएगा। इनडोर की चिकित्सा में ही मिलेगा लाभ
सदर अस्पताल के प्रबंधक दुष्यंत कुमार ने बताया कि इस योजना का लाभ मरीजों को इनडोर की चिकित्सा में ही केवल मिलेगा। अर्थात किसी तरह का ऑपरेशन या फिर अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में ही मरीजों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसका लाभ किसी मरीज को आउटडोर में इलाज कराने के लिए नहीं दिया जाएगा। प्रबंधक ने बताया कि आयुष्मान की वेबसाइट पर चेक करने के बाद जब मरीज की पात्रता निर्धारित हो जाएगी तब उसे गोल्डेन कार्ड प्रदान कर दिया जाएगा। उसके बाद उसी गोल्डेन कार्ड के माध्यम से उसके परिवार के सदस्यों का इलाज संभव हो सकेगा।