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रेलवे लाइन के लिए 147 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण

बक्सर चौसा ताप बिजली परियेाजना पर तेजी से काम चल रहा है और 2023 तक इसको पूरा करने का

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 08:55 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 08:55 PM (IST)
रेलवे लाइन के लिए 147 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण
रेलवे लाइन के लिए 147 एकड़ जमीन का होगा अधिग्रहण

बक्सर : चौसा ताप बिजली परियेाजना पर तेजी से काम चल रहा है और 2023 तक इसको पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। परियोजना के तहत यहां से 660 मेगावाट के दो प्लांटों से कुल 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना को कोयला आपूर्ति करने के लिए चौसा स्टेशन के पास से अलग से रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए 10 मौजे की लगभग 147 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

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रेलवे लाइन के लिए ली जाने वाली जमीन के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का सर्वे पूरा हो गया है और इसे बक्सर प्रशासन के वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। सर्वे के अनुसार रेलवे लाइन के लिए 769 रैयतों से 147.264 एकड़ जमीन लेने की आवश्यकता होगी। रेलवे लाइन जिन मौजा से होगा गुजरेगी, वह काफी उपजाऊ जमीन है और इस वजह से अधिग्रहण के बाद भू-दाताओं को त्वरित मुआवजा देने पर बल दिया गया है। जिन किसानों से जमीन ली जानी है, वे मिश्रित वर्ग से आते हैं और अधिकांश का जीवन यापन का आधार खेती ही है। ऐसे में रिपोर्ट में अपनी जमीन गंवाने वाले छोटे रैयतदारों के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की भी अनुशंसा की गई है।

रेलवे लाइन से आपूर्ति होगा कोयला

ताप बिजली परियोजना में पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन के लिए हर सप्ताह दो से तीन रैक कोयले की आवश्यकता होगी। इसका पूरा सप्लाई चेन तैयार होगा और रेलवे की रैक प्लांट के अंदर भंडार तक कोयला लेकर जाएगी। इसलिए प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने से रेलवे लाइन का कार्य पूरा होना आवश्यक बताया जा रहा है। इसे देखते हुए भूमि अधिग्रहण के कार्य में तेजी आई है। परियोजना का खास पहलू यह भी है कि इस मार्ग पर रेलवे लाइन बिछाने से किसी आबादी को विस्थापित होना नहीं पड़ेगा।

क्षेत्र का तेजी से होगा विकास

परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सामाजिक प्रभाव के आकलन में ताप विद्युत परियोजना और रेलवे लाइन बिछने से प्रभावित क्षेत्र में तेजी से विकास की संभावना जताई गई है। इससे आसपास के क्षेत्रों में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। परियोजना के पूरा होने के बाद क्षेत्र व्यावसायिक क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। रेलवे लाइन के दोनों तरफ खेतों में किसानो के निर्बाध रूप से आने-जाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की अनुशंसा भी रिपोर्ट में की गई है।

एसजेवीएन को नेपाल में मिला हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाने का काम

जागरण संवाददाता, बक्सर : चौसा में बक्सर पॉवर प्लांट का निर्माण कर रही कंपनी एसजेवीएन को नेपाल में हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाने का बड़ा काम मिला है। नेपाल में 679 मेगावाट की लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना को कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर हसिल किया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए भारत एवं हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम एसजेवीएन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को नेपाल के निवेश बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की उपस्थिति में एसजेवीएन को परियोजना का काम सौंपा गया। कंपनी की उपलब्धि इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें चीनी कंपनी भी दिलचस्पी दिखा रही थी। उन्होंने बताया कि लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना नेपाल के सखुंवासवा और भोजपुर जिले में स्थित है। कंपनी के द्वारा नेपाल में पहले से ही 900 मेगावाट के अरुण-3 जल विद्युत परियोजना तथा 217 किलोमीटर 400 केवी के संचरन लाइन पर काम चल रहा है। एसजेवीएन द्वारा वहां विकसित की जा रही परियोजनाओं से भारत और नेपाल के बीच परस्पर रिश्तों में और मजबूती आएगी।


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