पहली ही बारिश में बहने लगी 1 करोड़ की सड़क
बक्सर नगर के पांडेयपट्टी से चक्रहंसी जाने वाले मार्ग की काफी दुर्दशा हो जाने के बाद स्थानीय
बक्सर : नगर के पांडेयपट्टी से चक्रहंसी जाने वाले मार्ग की काफी दुर्दशा हो जाने के बाद स्थानीय लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नई सड़क का निर्माण कराया गया था। तकरीबन 1.4 करोड़ की लागत से बनी सड़क को बने हुए अभी 2 वर्ष भी नहीं हुए कि, सड़क पर जलजमाव की समस्या सामने आने लगी। वर्तमान में हालात यह है कि, सड़क झील में तब्दील हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमकर कमीशनखोरी तथा निर्माण में अनियमितता के कारण की समस्या सामने आई है।
स्थानीय लोगों से पूछने पर उन्होंने बताया कि इस सड़क पर पूर्व में बनी दो पुलियों से पानी सड़क के नीचे से दूसरी ओर निकल जाता था। दोनों पुलियों को सड़क निर्माण एजेंसी के द्वारा हटा दिया गया। ऐसे में अब नाली का पानी सीधे सड़क पर जा रहा है। जिससे करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़क भी खराब हो रही है। इतना ही नहीं गांव में भी नाली का गंदा पानी फैल रहा है। लोगों का कहना है कि आगामी मानसून में अब गंदी नालियों का पानी सीधे लोगों के घरों में प्रवेश करने लगेगा। ऐसे में मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ सदर विधायक को भी इस परेशानी से अवगत कराया गया है। बता दें कि, वर्ष 2017-18 में इस सड़क की हालत खराब होने की वजह से तकरीबन दो वर्ष से नारकीय स्थिति झेल रहे लोगों की परेशानियों को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 1 करोड़ 2 लाख 78 हजार 360 रुपये की लागत से पांडेय पट्टी-चक्रहँसी मुख्य मार्ग का निर्माण कराया गया था हालांकि, तकरीबन 6 माह पूरा होते-होते सड़क कई जगह से टूटने लगी।
नहीं है पानी निकलने का कोई भी रास्ता
पांडेय पट्टी से पानी निकासी का कोई भी रास्ता नहीं है। इस सड़क के किनारे बने घरों के गृह स्वामियों के द्वारा घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सीधे सड़क पर बहाया जाता है। वहीं, बारिश में तो सड़क तालाब बन चुकी है। ऐसे में हालात यह बन गए हैं कि, कई वर्षों तक बदहाल सड़क का दंश झेलने के बाद जिस सड़क के निर्माण से लोगों ने काफी राहत महसूस की थी। एक बार फिर उस सड़क के टूट-फूट की कहानी लिखी जानी शुरु कर दी गयी है। विभाग के मुताबिक सड़क की 5 साल तक मरम्मति एवं अनुरक्षण के लिए 6 लाख 42 ह•ार रुपयों की राशि निर्धारित है। जिससे कि वह सड़क को दुरुस्त कराने की पहल करेगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह स्थाई समाधान है।
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स्टीमेट में केवल सड़क निर्माण की योजना थी नाली आदि का निर्माण हमें नहीं करना था हालांकि, पुलिया का निर्माण पूर्व में था अथवा नहीं इसकी जांच की जाएगी, जिसके बाद समस्या का निराकरण करने की कोशिश होगी।
प्रमोद कुमार, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण विकास अभियंत्रण।