हिदी साहित्य समागम के सम्मेलन में हिदी प्रवाह पत्रिका का हुआ लोकार्पण
स्थानीय एसबी कॉलेज के सभागार में रविवार को अखिल भारतीय हिदी साहित्य समागम के सम्मेलन में समागम की मुख्य पत्रिका हिदी प्रवाह के प्रथम अंक का लोकार्पण समारोह पूर्वक किया गया।
आरा। स्थानीय एसबी कॉलेज के सभागार में रविवार को अखिल भारतीय हिदी साहित्य समागम के सम्मेलन में समागम की मुख्य पत्रिका हिदी प्रवाह के प्रथम अंक का लोकार्पण समारोह पूर्वक किया गया। इस दौरान भारत में हिदी की समस्या और समाधान विषयक एक विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रो. डॉ. ओम प्रकाश अग्रवाल ने की। अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने हिदी की सेवा को राष्ट्रीय धर्म के समान बताया। वहीं मुख्य अतिथि सत्यनारायण ने कहा कि शाहाबाद की मिट्टी का तेज ताप शौर्यशाली एवं सारस्वत है, जहां से हिदी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विमर्श की शुरूआत हुई है। इसकी गूंज अनुगूंज पूरे देश में सुनाई पड़ेगी। समागम के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा पुष्कर ने कहा कि भारत की राष्ट्रव्यापी वाणी हिदी को विश्व की भाषा बनाने का अभियान अभी भी अधूरा है। हिदी को संवैधानिक दर्जा दिलाने के साथ इसे राष्ट्र भाषा का गौरव भी प्रदान करना शेष है। मुंबई से आए पुनेश जी पार्थ ने कहा कि हिदी दिनों दिन लोकप्रिय हो रही है। भारत के सीने जगत में हिदी के बिना कोई कलाकार स्थापित नहीं हो सकता। न ही फिल्म सुपर हिट हो सकती है। संबोधित करने वालों में डॉ. कमला प्रसाद, डॉ. नवीन कुमार, दीवाकर पांडेय, आचार्य रामचंद्र निठूर, कवि महावीर सिकरवार, निर्मल इंद्रवार, प्रो. डॉ. रणविजय कुमार आदि शामिल थे। इस मौके पर प्रो. डॉ. रमेश कुमार मिश्र (उत्तर प्रदेश), डॉ. चंद्रदेव प्रसाद उर्फ लोहा सिंह (छपरा), प्रो. डॉ. किरण कुमारी, प्रो. डॉ. रेणु मिश्रा, संतोष कुमार अंजान, मनीष कुमार वर्मा, अखिलेश पुष्कर, रंजन कुमार, अवधेश कुमार, डॉ. ममता मिश्र, पुनम शर्मा, डॉ. नवीन कुमार (झारखंड), भरत जी, प्रो. सुमेश्वर तिवारी, विनय कुमार केशरी, कृष्णा प्रसाद, अमित चौधरी, कृष्णा कुमार, सरिता कुमारी, हे्मलता, रीता शर्मा, राज गोविद राय, सच्चितानंद सिंह, कमलेश्वर उपाध्याय, अशोक कुमार तिवारी (बलिया), सुनेश्वर कुमार निर्भय (छपरा), प्रो. डॉ. कमल कुमार, अतुल प्रकाश, नन्द किशोर कमल, जितेंद्र कुमार, जगतनंदन सहाय, रसिक भोजपुरी, समेत कई गणमान्य साहित्यकार व साहित्य प्रेमी मौजूद थे। सम्मेलन में दूरदर्शन एवं आकाश वाणी के कलाकार प्रभुनंदन शर्मा निराला एवं प्रियंका कुमारी ने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति कर दर्शकों को विभोर कर दिया। संगीत प्रकाश सुमन का था। कार्यक्रम के अंत में 50 साहित्य प्रेमियों को अंग वस्त्र व स्मार प्रतीक देकर सम्मानित किया गया।