स्वंय सहायता समूह के जरिए आर्थिक रुप से सशक्त हो रही महिलाएं
भोजपुर। आरा शहर में दीन दयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन से संचालित हो रहे है 2
भोजपुर। आरा शहर में दीन दयाल अन्त्योदय राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन से संचालित हो रहे है 24 स्वयं सहायता समूह के जरिए क्षेत्र के कुल 240 गरीब महिलाएं अपनी तकदीर बदलने के साथ-साथ परिवार के आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है। प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को 50-50 हजार रुपये का ऋण प्रदान किया गया है। रुढि़यों को तोड़कर और परंपरा से हटकर कई स्त्रियों ने अपनी मेहनत के बल पर न केवल परिवार का भरण पोषण कर रही है बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा दीक्षा का भार भी उठा रही हैं।
प्रति दिन एक हजार रुपये कमाती है ये महिलाएं:
नगर निगम प्रबंधक कृष्ण मुरारी कहते है कि दीन दयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन के तहत आरा नगर निगम क्षेत्र के सामाजिक संगठन संस्था विकास की ओर से स्वयं सहायता समूह के महिलाओं के बीच तकरीबन कुल 12 लाख रुपये की राशि बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। इसके तहत चयनित महिलाएं आपसी बचत कर हर माह अपने पैसे की बही-खाता की अद्यतन जानकारी रखती है। हर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं प्रतिदिन एक हजार रुपये कमा लेती है।
समूह में ये काम करती हैं महिलाएं:
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्वरोजगार के तहत चौक-चौराहों पर मकई बेचने से लेकर अंडा बेचने की काम करती है। मौसमी रोजगार, मसलन पापड़, दाल, लहसुन, प्याज बेंचने से लेकर खेती करती है। इन महिलाओं को जीविकोपार्जन के लिए नगर निगम, बैंक से व्यक्तिगत लोन प्रदान करवाता है। जिसके बदौलत ये सशक्त हो रही है। इसके लिए निगम ने टास्क फोर्स का गठन किया है। जिसके माध्यम से लाभार्थियों को सुविधाएं मुहैया कराई जाती है।
वार्डो में समूह गठित करने की कवायद जारी:
कौशल एवं आजीविका मिशन के मैनेजर कृष्ण मुरारी पाण्डेय व सामाजिक संस्था विकास के नगर प्रबंधक प्रियंका राय की मानें तो शहर के 45 वार्ड में स्वयं सहायता समूह गठित करने का काम जारी है। कुल 180 स्वयं सहायता समूह का गठन करना है। अब वार्ड नंबर 5 और 6 में कुल 14 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है। इसी प्रकार वार्ड नंबर एक में 10, वार्ड नंबर 43, 44 और 45 में कुल 50, वार्ड नंबर 29 में 8, वार्ड नंबर 27 में 6, वार्ड नंबर 35 में 4, वार्ड नंबर 40 में 6, वार्ड नंबर 39 में 5 स्वयं सहायता समूह के लिए कवायद जारी है। पदाधिकारियों ने कहा कि शहरी क्षेत्र के निर्धन व गरीब परिवार के महिलाओं को रोजगार से जोड़कर उन्हें प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है।