Move to Jagran APP

चेहरा देखने को लेकर जेल में भिड़ा कैदियों का दो गुट, बजानी पड़ी पगली घंटी

बिहार के आरा जेल में आइना को लेकर कैदियों के दो गुटों के बीच झड़प हो गई। दोनों तरफ से ईंट और पत्‍थर चलने लगे। पगली घंटी तक बजानी पड़ी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 06:22 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 11:31 PM (IST)
चेहरा देखने को लेकर जेल में भिड़ा कैदियों का दो गुट, बजानी पड़ी पगली घंटी
चेहरा देखने को लेकर जेल में भिड़ा कैदियों का दो गुट, बजानी पड़ी पगली घंटी

भोजपुर [जेएनएन]। बिहार के भोजपुर जिले के आरा जेल में शुक्रवार की सुबह चेहरा देखने को लेकर कैदियों के दो गुटों में झड़प हो गई। इस दौरान ईट-पत्थर भी चले। जिसमें जेल में बंद दो सजायाफ्ता कैदी समेत चार बंदी घायल हो गए। बाद में हालात पर काबू पाने को लेकर जेल प्रशासन को पगली घंटी बजानी पड़ी। घटना सुबह आठ बजे की है। हालांकि, कारा प्रशासन ने तीन बंदियों के घायल होने की पुष्टि की है।

loksabha election banner

इसे लेकर जेल में करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकती का कार्य प्रभावित रहा। झड़प को लेकर जेल के अंदर काफी देर अफरातफरी मची रही। इसे लेकर दो गुटों में तनाव गहरा गया है। दूसरी ओर, जेल अधी निरंजन पंडित ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है।

चेहरा देखने को लेकर हुआ था वाद विवाद

बताया जा रहा कि आरा जेल के वार्ड संख्या दो के सजायाफ्ता कैदी अवधेश यादव एवं रामपति ङ्क्षसह जेल के अस्पताल ड्यूटी में कार्यरत है। शुक्रवार की सुबह आईना में चेहरा देखने को लेकर अवधेश यादव एवं एक अन्य बंदी जितेंद्र सिंह के बीच वाद-विवाद हो गया। जिसके बाद बात मारपीट तक जा पहुंची। आरोप है कि इस घटना के बाद कैदी अवधेश यादव के  समर्थक वार्ड से निकलकर आ गए और प्रतिशोध में मारपीट शुरू कर दी।

ईट -पत्थर चलने लगे। जिसके बाद जेल में अफरातफरी मच गई। बाद में तनावपूर्ण स्थिति को देखकर सुरक्षाकर्मियों को पगली घंटी बजानी पड़ी। इसके बाद जेल अधीक्षक निरंजन पंडित एवं जेलर मृत्युंजय चौधरी बल के साथ अंदर पहुंच गए। इस दौरान किसी तरह स्थिति को संभाला गया। जेल सूत्रों के अनुसार झड़प व पथराव में अवधेश यादव, रामपति ङ्क्षसह एवं जितेंद्र ङ्क्षसह समेत चार कैदियों को चोटें आई है। एक बंदी का सिर फट गया है।

जेल में डेढ़ घंटे तक ठप रहा मुलाकती

इधर, जेल में झड़प को लेकर करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकती का कार्य ठप रहा। बताया जा रहा कि जेल में मुलाकती के लिए सुबह सात बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक आवेदन लिया जाता है। इसलिए सात बजे के पहले ही ग्रामीण इलाकों से लोग जेल में बंद अपनों से मुलाकात करने के लिए चले आए थे। लेकिन, इस बीच झड़प होने के चलते मुलाकती रोक देना पड़ा। सुबह साढ़े नौ बजे के बाद मुलकाती की प्रक्रिया शुरू हो सकी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.