मानव जीवन का संगीत से गहरा रिश्ता
भोजपुर । सामाजिक संस्था जन विकास क्रांति के छठे वर्षगांठ पर जगदीशपुर स्थित नगर भवन मे अखिल
भोजपुर । सामाजिक संस्था जन विकास क्रांति के छठे वर्षगांठ पर जगदीशपुर स्थित नगर भवन मे अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुविख्यात संगीत शब्दकार पं. विजय शंकर मिश्र ने एवं संचालन पत्रकार शमशाद प्रेम ने किया। वहीं सम्मेलन का उद्घाटन प्रसार भारती के तबलावादक चंद्रशेखर प्रसाद उर्फ मनन जी एवं दिल्ली से आए मशहूर संगीत-शब्दकार पं. विजय शंकर मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पं. विजय शंकर मिश्र ने कहा कि संगीत और मानव जीवन का शाश्वत व गहरा रिश्ता है। यही नहीं, स्वर-लय और ताल से प्रकृति भी पूरी तरह प्रभावित रहती है। इसके अलावा उन्होंने संगीत और जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण अनुभूतियों को भी दर्शकों के साथ शेयर किया। सम्मेलन की शुरुआत नवोदित कलाकार ¨रकी, दिव्या एवं सोनी ने स्वागत गीत की प्रस्तुति के साथ की। इसके बाद पटना से आए वरिष्ठ तबला वादक शिवनंदन प्रसाद श्रीवास्तव ने स्वतंत्र तबलावादन प्रस्तुत करते हुए तीन ताल में भिन्न भिन्न लयकारी परन, उठान आदि को प्रस्तुत कर सम्मेलन में शमां बांध दिया। इनके साथ हारमोनियम पर रामबदन ¨सह संगत कर रहे थे। वहीं नई दिल्ली से आई वरिष्ठ गायिका अरूंधती भट्टाचार्य ने राग गुर्जरी तोड़ी में गणेश स्तुति, छोटा खयाल एवं राग दुर्गा में भजन प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। इनके साथ हारमोनियम पर संगत बिहटा से आए रामपुकार ¨सह ने एवे तबले पर शिवनंदन प्रसाद श्रीवास्तव ने किया। सम्मेलन के दौरान पं. बिरजू महाराज के शिष्य नृत्य भूषण बक्शी विकास एवं बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय की स्वप्निल सत्यम्वदा ने कथक युगलबंदी की मनमोहक प्रस्तुति के जरिए संगीत और नृत्य के तारतम्य से सभी दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस प्रस्तुति में वाद्य यंत्रों पर संगत करने वाले कलाकारो में मुजफ्फरपुर से आए तबला वादक सतीश महाराज, स्थानीय हारमोनियम वादक फुलेंद्र कुमार, गायन संगति में कावेरी मोहन , बासूरी पर सुशील कुमार ¨सह एवं पढ़ंत पर अनिष कुमार शामिल थे। सम्मेलन का समापन झूला नृत्य के नयनाभिराम प्रस्तुति के साथ की गई।
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कलाकार हुए सम्मानित
आरा: जगदीशपुर में आयोजित अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन के दौरान सम्मेलन में शामिल अतिथि कलाकारों के अलावा स्थानीय कलाकारों को भी भिन्न भिन्न प्रशस्तियों से सम्मानित किया गया। आयोजक संस्था द्वारा पं. विजय शंकर मिश्र को ताल भूषण, अरूंधती भट्टाचार्य को कोकिल कंठ, स्वपनिल सत्यम्वदा को नृत्य रत्न, शिवनंदन प्रसाद श्रीवास्तव एवं सतीश महाराज को ताल रत्न एवं कावेरी मोहन, रामबदन ¨सह तथा फुलेंद्र कुमार ¨सह को स्वर रत्न की प्रशस्ति से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्था के महासचिव हिमराज ¨सह ने किया। इस मौके पर तबलावादक राजन, अमित कुमार, राज कुमार, अनिष कुमार, सुनील कुमार, सूर्यमूखी देवी, मुकेश कुमार, रमेश कुमार, संतोष कुमार, रामबचन ¨सह, कुमारी स्नेहा ¨सह, चंदन कुमार, रीतेश कुमार सुरजीत कुमार, राजू ¨सह, कामता ¨सह आदि उपस्थित थे।