दुर्लभ पांडुलिपियों का अनूठा है यह संस्थान
भोजपुर । श्रुत पंचमी पर्व एवं पांडुलिपि जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ सह श्री देवकुमार जैन प्राच्य
भोजपुर । श्रुत पंचमी पर्व एवं पांडुलिपि जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ सह श्री देवकुमार जैन प्राच्य शोध संस्थान, श्री जैन सिद्धांत भवन का 113वां वार्षिकोत्सव स्थानीय जेल रोड स्थित सरस्वती भवन प्रांगण में गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वीकेएसयू के कुलपति डा. लीलाचंद साहा, प्राचार्य डा. चंद्रशेखर प्रसाद साहा एवं प्राकृत व जैनेलोजी के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डा. विश्वनाथ चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत श्रुत स्कन्ध यंत्र का अभिषेक पूजन एवं जिन वाणी की स्तुति पं. गुलाब चन्द्र जी के निर्देशन में पढ़कर की गई। मुख्य अतिथि पद से कुलपति ने कहा कि यह संस्था अभूतपूर्व एवं अद्भुत पांडुलिपियों का विश्व पटल पर अनूठा है। यह संस्थान शोध कार्यो के लिए बहुत अनुपम जगह है। उन्होंने कहा कि हम विश्वविद्यालय स्तर पर हरसंभव प्रयास करेंगे। यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्राकृत विभाग से ज्यादातर छात्र यहां से शोध करें। संस्थान द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी को सराहते हुए स्थानीय जैन कॉलेज के प्राचार्य डा. साहा ने कहा कि संस्थान द्वारा संरक्षण कार्य प्रशंसनीय है। वीकेएसयू के प्राकृत एवं जैनेलोजी विभागाध्यक्ष डा. चौधरी ने कहा कि प्राकृत के शोधार्थी छात्रों को इस संस्थान के इस्तेमाल हेतु प्रेरित करेंगे। उन्होंने श्रुत पंचमी पर्व की विस्तृत चर्चा की। जैन कन्या माध्यमिक पाठशाला की छात्राओं ने जीनवाणी की स्तुति पढ़ी और भजन गाया। मंगला आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। मंगलाचरण की प्रस्तुति पूर्णिमा जैन, स्वागत भाषण मानद सचिव अजय कुमार जैन एवं धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव अभय कुमार जैन ने किया। अतिथियों को शाल, माला व शस्त्र भेट कर सम्मानित किया गया।