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अ‌र्घ्य देने की बेला में बढ़ जाता सोन के तटों का आकर्षण

सोन नद और इसकी खुली व मनोहर तटों का आकर्षण छठ में भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य देने की बेला में काफी बढ़ जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 05:10 PM (IST)
अ‌र्घ्य देने की बेला में बढ़ जाता सोन के तटों का आकर्षण
अ‌र्घ्य देने की बेला में बढ़ जाता सोन के तटों का आकर्षण

आरा। सोन नद और इसकी खुली व मनोहर तटों का आकर्षण छठ में भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य देने की बेला में काफी बढ़ जाता है। इस नद के दोनों तटों पर अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने वालों में स्थानीय के अलावा दूर-दराज के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है। इनमें आरा और पटना के लोग भी शामिल रहते हैं। कई लोग अपनी निजी कारों आदि से काफी संख्या में यहां आते हैं। स्टेशन व पुल से समीप उत्तर में एक सूर्य मंदिर की स्थापना 1985 में कराई गई है। छठ व्रतियों की आस्था इससे भी जुड़ी है। संबंधित नवयुवक दुकानदार संघ के सदस्यों ने बताया कि अपने सीमित साधन से छठ व्रतियों के ठहरने की व्यवस्था भी सूर्य मंदिर के पास की जाती है। रात में मंदिर के पास सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होता है।

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