अत्याचार के खिलाफ आवाज जरूर उठाएं
दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम को लेकर स्कूली बच्चे तो उत्साहित हैं प्रशासनिक अधिकारी भी ।
आरा। दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम को लेकर स्कूली बच्चे तो उत्साहित हैं ही, प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी यह खास मायने रख रहा है। यही कारण है कि अधिकारी इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने बचपन से जुड़ी भूली-बिसरी यादों को बच्चें के साथ खूब साझा कर रहे हैं। अपने भविष्य को लेकर ¨चतित बच्चों में अधिकारियों से सवाल करने में गजब का जज्बा दिख रहा है। नन्हे-मुन्ने बच्चे कैरियर संवारने से संबंधित सवाल पूछते समय मार्मिक सवालों से लेकर गंभीर सवाल भी पूछ दे रहें है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में डॉ. नेमीचंद शास्त्री कन्या उच्च विद्यालय की छात्राओं का जवाब देते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जिला (माध्यमिक शिक्षा) राघवेन्द्र प्रताप ¨सह ने कहा कि सभी लोग चाहते है कि जीवन में कुछ न कुछ बनें, मगर किसी भी काम को करने से पहले यह मन में जरुर विचार करें कि हमें क्या करना है। यह निर्णय अपने मन से ले, न कि किसी को देखकर। 12वीं में जाते-जाते यह जरुर मन में सोच लें कि हमें क्या करना है। हालांकि इसके पहले श्री ¨सह ने बच्चों से अपना परिचय करते हुए कहा कि मेरा चयन इस पद पर बीपीएससी से हुआ है।
प्र.- आपने अपनी स्कूली पढ़ाई कहां से की?
निधि कुमारी, शीतल कुमारी, नसरीन प्रीतम।
उ.- मेरी प्रारंभिक पढ़ाई कई शहरों में हुई। कारण यह कि पिता जी जेल सुपरिटेंडेट के पद पर कई शहरों में रहें। कक्षा एक से लेकर कक्षा दो तक उत्तर प्रदेश के मिरजापुर में पढ़े। इसके बाद वाराणसी में पिता का ट्रांसफर हो गया। इसके बाद परिवार वाराणसी में आ गया। जिस कारण कक्षा तीन से लेकर कक्षा सातवीं तक अतुलानंद स्कूल (वाराणसी) से पढ़ाई पूरी की। फिर पिता जी का तबादला कानपुर हो गया। लिहाजा कक्षा आठ से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कानपुर से हुई। स्नातक इलाहाबाद विवि से हुआ। फिर मैंने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली चला गया। दिल्ली से ही पीजी व एलएलबी किया। फिर हमनें आईएएस की तैयारी दिल्ली में रहकर किया। प्र- आपने दसवीं की पढ़ाई कहां से की?
कीर्ति कुमारी, नाजिया खान।
उ- मैने कहा न कि दसवीं की पढ़ाई कानपुर से की। अलग-अलग शहरों में शिक्षा ग्रहण करने का बड़ा फायदा मिला, जो आगे की पढ़ाई करने में सहूलियत प्रदान की। विविध शहरों के सभ्यता व संस्कृति को जानने का जो मौका मिला, वह मेरे लिए प्रतियोगी परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्र- जिस पद पर आप हैं उसका काम क्या है?
निधि शर्मा, अन्नु कुमारी, शालू कुमारी, अंजली कुमारी।
उ- मुझे भोजपुर जिला के सभी सेकेंडरी व प्लस टू विद्यालयों की मॉनीट¨रग करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। विद्यालयों में पठन-पाठन की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने से लेकर विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना मुख्य काम है। प्र- देशभर में हो रहे महिला अत्याचारों के बारे में आप क्या सोचते हैं?
अन्नु कुमारी,
उ.- मैं हमेशा से महिलाओं के हक व अधिकार के समर्थन में रहा हूं। अत्याचार चाहे किसी के विरोध में हो उसका विरोध करना चाहिए। समाज की भी जिम्मेवारी बनती है कि अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं। प्र- क्या आपका सपना जिस पद पर हैं, उससे ऊपर का था?
रिया जैन, रीता कुमार।
उ- हर आदमी का कुछ न कुछ सपना होता है। मैं भी आईएएस बनना चाहता था। प्र- आप जिस पद पर नौकरी कर रहे हैं ,उसके लिए माता-पिता का सपोर्ट मिलता है?
गुलशन कुमारी।
उ- जी हां। मेरे माता-पिता संतुष्ट है। - आपके कौन शिक्षक आदर्श थे?
रजा प्रवीन
उ- मेरे आठवीं कक्षा के शिक्षक कुसुम ¨सह मेरे लिए आदर्श शिक्षक रही। उन्हीं की बात आज भी मुझे याद है। वह हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती थीं। प्र- सर आपको पापा ज्यादा प्यार करते थे या मम्मी?
अनिशा खातुन, खुशबू कुमारी।
- दोनों प्यार करते थे। यदि कभी-कभी पैसे की जरूरत पड़ती थी तो मम्मी, पापा से कहकर पैसे दिलवा देती थी। प्र- आपकों कभी मम्मी-पापा से डांट मिली थी?
अन्नु कुमारी, प्रियंका कुमारी।
उ- एक बार की बात है। मैं जलेबी व समोसा खाने घर से बहुत दूर चला गया। घर वापसी में बहुत विलंब हो गया। जिसके लिए डांट पड़ी। तभी से मैने घर से दूर जाकर जलेबी और समोसा खाना छोड़ दिया। प्र- आपको इस पद के लिए घमंड है?
संजना कुमारी।
- बिल्कुल नहीं। मैं वही काम करता हूं जो समाज के हित से जुड़ा हो।