यज्ञ व पूजा की जगह स्वयं विराजमान होते हैं हनुमान जी
भोजपुर । श्री हनुमन्त कथा आयोजन समिति द्वारा नूतन छात्रावास के समीप पांच दिवसीय श्री हनुमन्त कथा
भोजपुर । श्री हनुमन्त कथा आयोजन समिति द्वारा नूतन छात्रावास के समीप पांच दिवसीय श्री हनुमन्त कथा की शुरुआत हुई। प्रथम दिन कथा व्यास पूज्य संत प्रदीप भैया जी ने राम-राम सुमर¨ह जीन्हा.., श्रीराम जय राम जय- जय राम..आदि भजन से शुरुआत की। प्रवचन के दौरान उन्होंने श्री हनुमान जी का चित्रण करते हुए कहा कि धरती पर सहज, सरल व सुलभ कोई देव हैं तो वह हैं श्री हनुमान। जहां कहीं भी कथा, यज्ञ, पूजा होती है, वहां हनुमान स्वयं विराजमान रहते हैं। लेकिन अन्य देवों के दर्शन के लिए तो आपको हरिद्वार, काश्मीर, तिरूपति, देवघर आदि जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी यश छोड़ दिया। यश की ¨चता उन्होंने कभी नहीं की। प्रवचन शुरु होने से पूर्व मुख्य यजमान हाकिम प्रसाद ने पूज्य संत का स्वागत किया और व्यास पीठ का पूजन किया। कथा का अंत व्यास पीठ की आरती गाकर की गयी। इस अवसर पर कौशल कुमार विद्यार्थी, राजेन्द्र तिवारी, नरेन्द्र ¨सह, प्रेम चौबे, पवन, अरुण यादव, छोटे ¨सह, आनंद कुमार, चन्द्रशेखर तिवारी आदि थे।