नहीं बिक रहा धान, किसान परेशान
जिले के किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने धान बेचने के लिए परेशान हैं, लेकिन उनका धान नहीं बिक रहा।
आरा। जिले के किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने धान बेचने के लिए परेशान हैं, लेकिन उनका धान नहीं बिक रहा। ऐसे में अपनी मेहनत का उचित मूल्य पाने के लिए उन्हें भटकना पड़ रहा हैं। आरा, बड़हरा, बिहिया एवं कोईलवर प्रखंड से एक छटांक भी धान की खरीद नहीं हुई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धान की बिक्री के लिए 3911 किसानों ने निबंधन करा रखा है। मगर अब तक केवल 150 किसानों से ही धान की खरीद हो सकी है। धान अधिप्राप्ति के लिए जिले में कुल 34 क्रय केंद्र खोले गए हैं। क्रय केंद्रों को 28.27 करोड़ की वित्तिय सहायता दी गई है। इनमें 31 क्रय केंद्र पैक्सों के हैं। जबकि तीन जगहों पर व्यापार मंडल को धान क्रय करने की जिम्मेवारी दी गई है। लक्ष्य के विरुद्ध अब तक केवल 1233 मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो सकी है। किसानों के साधारण धान का समर्थन मूल्य 1750 रुपए निर्धारित किया गया है। जबकि ग्रेड वन धान का समर्थन मूल्य 1770 रुपए तय किया गया है। व्यापार मंडल के क्रय केंद्रों पर धान की बिक्री करने के लिए 279 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि शेष किसान पैक्स समिति के क्रय केंद्रों पर निबंधित हैं। किसानों की इस समस्या की मूल वजह सिस्टम के किस तार से जुड़ा है, यह स्पष्ट नहीं हो रहा है।
धान की खरीदारी में तेजी लाने का आदेश सभी क्रय केंद्रों के प्रभारी पदाधिकारी एवं क्रय समिति को जारी कर दिया गया है। इसकी लगातार मानीट¨रग की जा रही है। अब तक जिले में 1234 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है। जिन क्रय केंद्रों पर धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है, वहां भी अविलंब धान की खरीदारी शुरू करने का आदेश जारी किया गया है।