सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पताल में ठप रही ओपीडी सेवा
नालंदा जिले के गोकुलपुर मठ एपीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक डॉ. प्रियरंजन प्रियदर्शी की निर्मम हत्या और चिकित्सकों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर आईएमए एवं भासा के आह्वान पर शनिवार को भोजपुर जिले के सरकारी अस्पताल से लेकर प्राईवेट क्लिनिकों में ओपीडी सेवा को ठप रखा गया।
आरा। नालंदा जिले के गोकुलपुर मठ एपीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक डॉ. प्रियरंजन प्रियदर्शी की निर्मम हत्या और चिकित्सकों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर आईएमए एवं भासा के आह्वान पर शनिवार को भोजपुर जिले के सरकारी अस्पताल से लेकर प्राईवेट क्लिनिकों में ओपीडी सेवा को ठप रखा गया। आईएमए एवं भासा से जुड़े चिकित्सकों ने शनिवार को सदर अस्पताल, आरा में ओपीडी सेवा का बहिष्कार कर विरोध जताया। प्राईवेट क्लिनिकों के शटर भी गिरे। हालांकि, इस दौरान सदर अस्पताल की आपातकालीन सेवा चालू रही। ओपीडी सेवा ठप होने से शहर तथा दूरदराज से आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे। ्र आंदोलनरत चिकित्सकों ने हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने के साथ-साथ मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने, एक आश्रित को नौकरी देने तथा संविदा चिकित्सक के लिए बीमा प्रावधान की मांग की है। गौरतलब हो कि एक रोज पहले ही आईएमए एवं भासा ने ओपीडी सेवा बहिष्कार करने का ऐलान किया था।
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सुबह और शाम दोनों चरणों में नहीं चली ओपीडी सेवा
सदर अस्पताल में सुबह आठ बजे से दोपहर बारह बजे तक और फिर शाम में चार बजे से छह बजे तक ओपीडी सेवा दी जाती है। डॉक्टरों के सांकेतिक हड़ताल के कारण दोनों सेवाएं ठप रही। इस दौरान सदर अस्पताल में आईएमए एवं भासा से जुड़े चिकित्सकों की एक बैठक हुई। बैठक के दौरान अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिन्हा, भासा के भोजपुर अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. विकास सिंह, डॉ. प्रतीक, डॉ ए.के पांडेय, डॉ. शैलेश कुमार आदि पदाधिकारी मौजूद थे। डॉक्टरों ने कहा कि हत्या से आज चिकित्सा जगत मर्माहत है। सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक ओपीडी सेवा ठप रहेगा। हालांकि, इस दौरान इमरजेंसी, आईसीयू, प्रसूति और ओटी खुला रखा गया है। पोस्टमार्टम भी हुआ है। भासा के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि पूरे बिहार में आईएमए एवं भासा द्वारा संयुक्त रूप से 12 घंटे का ओपीडी सेवा बहिष्कार किया गया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक समाज के लिए कार्य करते हैं। समाज के लोगों को भी आगे आना होगा। हड़ताल के माध्यम से हम अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं। ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनर्रावति नहीं हो सके। इस तरह की घटना को अगर नहीं रोका गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हो जायेंगे।
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शहर के प्रमुख निजी अस्पतालों के भी गिरे रहे शटर
आईएमए के सचिव डॉ मधुकर प्रकाश ने बताया कि आंदोलन पूरी तरह सफल रहा है। पांच सूत्री मांगों पर सरकार को विचार करना चाहिए। अन्यथा भविष्य में चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इधर, आंदोलन को लेकर शहीद भवन, महावीर टोला, बाबू बाजार, करमन टोला,सदर अस्पताल रोड, कतीरा, ब्लॉक रोड , मौलाबग और पकड़ी समेत आदि इलाकों के प्राईवेट क्लिनिकों में भी डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बंद रखा। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ा। प्राईवेट क्लिनिक बंद रहने पर जब मरीज सदर अस्पताल में गए तो पता चला कि वहां भी ओपीडी सेवा बंद है।