अब कूड़ा बन रहे खेतों के लिए अमृत
बिहिया नगर पंचायत बिहिया ने अच्छी पहल की है।
आरा। बिहिया नगर पंचायत बिहिया ने अच्छी पहल की है। जिस कचरे को लोग बाहर फेंक देते थे, उस कचरे का प्रबंधन कर जैविक खाद बनाने और पर्यावरण को संरक्षित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे खाद खेतों के लिए अमृत साबित हो रहा है। यह कार्य नगर पंचायत बिहिया में संचालित एमआरएफ सेंटर में किया जा रहा है। हालांकि, गत मार्च माह से ही कचरे से खाद बनाने का शुरू काम अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। जानकारी के अभाव में खाद की बिक्री भी नहीं हो पा रही है।
कचरे के निष्पादन के लिए लगभग 50 लाख रुपए की लागत से सम्बंधित संयंत्र लगाए गए है।नगर से कचरे को संग्रहित करने के बाद उसकी छटाई कर अलग अलग करने के बाद गीले कचरे से जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, सूखे कचरे को अलग रखा जा रहा है। बताया गया कि कचरे में व्यापक पैमाने पर मिलने वाले जानलेवा प्लास्टिक थैलो से चारकोल बनाया जाएगा जिसका उपयोग बिजली निर्माण में होता है। इसके लिए अलग से संयंत्र लगाए जाएंगे।बिहिया नगर में प्रति माह 443.1टन कचरा निकलता है जिसमें 177.24 टन सूखा तथा 265.86 टन गिला कचरा निकलता है। फिलहाल यहां छह रूपये किलो जैविक खाद बेचा जा रहा है इसके अलावे प्रचार प्रसार हेतु सैम्पल के तौर पर मुफ्त भी उपलब्ध कराया जा रहा है। अगले साल की रैंकिग में अव्वल आने की तैयारी नगर पंचायत बिहया अगले साल की रैंकिग में अव्व्ल आने बकी तैयारी में अभी से जुट गया है। अधिकारी और कर्मी अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की तैयारी में पूरी ताकत से जुट गए है। इसकी तैयारी के तहत घर घर बताया जा रहा है कि लोग सूखे और गिले कचरे को अलग अलग एकत्रित करें। स्वयं सहायता समूह,स्कूली छात्रो की भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। नगर पंचायत कार्यालय के लेखा पदाधिकारी ने बताया कि उदेश्य व्यापक है इससे नगर पंचायत के राजस्व में वृद्धि होगी साथ हीं जैविक खाद के उपयोग से कृषि कार्य में रसायनिक खाद पर निर्भरता कम होगी।