मुक्तिधाम से नहीं मिलती शवों को मुक्ति
भोजपुर के मुक्तिधाम को प्रशासनिक अव्यवस्था की जकड़न से खुद को मुक्त होने का इंतजार है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुक्तिधाम योजना के तहत जिला मुख्यालय स्थित गांगी व सिन्हा गंगाघाट पर 75 लाख रुपये की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण कराया गया है।
भोजपुर । भोजपुर के मुक्तिधाम को प्रशासनिक अव्यवस्था की जकड़न से खुद को मुक्त होने का इंतजार है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुक्तिधाम योजना के तहत जिला मुख्यालय स्थित गांगी व सिन्हा गंगाघाट पर 75 लाख रुपये की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण कराया गया है। वर्ष 2010 में शुरू हुए इन दोनों मुक्तिधामों का निर्माणकार्य 2012 में पूरा कर लिया गया। निर्माण के बाद लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने नगर निगम को स्थानांतरित कर दिया एवं इसके रख रखाव, मरम्मत व संचालन की जिम्मेवारी सौंप दी। परंतु इसका दुखद पहलू यह है कि इस दुनिया को अलविदा कहने वाले लोगों के पार्थिव शरीर को मुक्ति दिलाने के लिए बने मुक्तिधाम केंद्र से मुक्ति नहीं मिलती। आज मुक्तिधाम केंद्र खुद मुक्ति का मार्ग खोज रहा है। लेकिन सिस्टम की उदासीनता व लापरवाही इस केंद्र को मुक्ति दिलाने में बाधक बने हैं। पर्यावरण की सुरक्षा व गंगा नदी की पवित्रता को बनाए रखने के मकसद से तैयार यह योजना अपने मकसद में असफल साबित सो रही है। मुक्तिधाम के बगल में गांगी व गंगा नदी के तट पर पार्थिव शरीर को जलाने के बाद अधजले भाग को गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है, जो पर्यावरण के खतरे को तो बढ़ाता ही है गंगा नदी की पवित्रता को भी दूषित करता है।
----
2010 में शुरू हुआ कार्य, 2012 में हो गया पूर्ण :
जिला मुख्यालय स्थित गांगी नदी के पास वर्ष 2010 में मुक्तिधाम केंद्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जो 2012 में बनकर तैयार हो गया। छह बेड वाले इस मुक्तिधाम के निर्माण पर 40.54 लाख रुपए खर्च हुए थे। 5 सितंबर 2012 को यह नगर निगम को स्थानांतरित हो गया था।
---
सिन्हा गंगा घाट पर भी बना था मुक्तिधाम :
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर गंगा नदी के सिन्हा घाट पर 34.10 लाग की लागत से चार बेड वाले मुक्तिधाम का निर्माण हुआ था।
---
फोटो फाइल 04आरा 24 जिले में दो मुक्तिधाम का निर्माण किया गया था। वर्ष 2012 में नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया गया था। इसके रख रखाव एवं संचालन की जिम्मेवारी नगर निगम को सौंप दी गई थी। आरा शहर के गांगी नदी एवं गंगा नदी के ¨सहा घाट पर लगभग 75 लाख की लागत से मुक्तिधाम का निर्माण विभाग ने कराया था। इस विभाग की जिम्मेदारी केवल मुक्तिधाम का निर्माण कार्य तक सीमित था।
ई. प्रसून कुमार
कार्यपालक अभियंता
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, आरा प्रमंडल।