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5वीं के दो छात्र निकले बड़े नटवरलाल, अपहरण की एेसी कहानी सुनाई कि पुलिस भी हो गई दंग

पाचवीं क्लास के दो छात्र निकले नटवरलाल दोनों ने अपने अपहरण की एेसी झूठी कहानी पुलिस को सुनाई जिसे सुनकर पुलिसवाले भी दंग रह गए। बाद में पता चला कि होमवर्क के डर से दोनों भाग गए ।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 10:24 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 04:07 PM (IST)
5वीं के दो छात्र निकले बड़े नटवरलाल, अपहरण की एेसी कहानी सुनाई कि पुलिस भी हो गई दंग
5वीं के दो छात्र निकले बड़े नटवरलाल, अपहरण की एेसी कहानी सुनाई कि पुलिस भी हो गई दंग

 भोजपुर, जेएनएन। होमवर्क पूरा नहीं होने पर पिटाई के डर से स्कूल जाने के बजाय शहर छोड़कर भाग रहे पांचवीं कक्षा के दो छात्रों को आरा रेल पुलिस ने श्रमजीवी एक्सप्रेस से उतारा। पूछताछ में बच्चों ने अपहरण की ऐसी कहानी सुनाई कि रेल पुलिस से लेकर अभिभावक तक सन्न रह गए। अभिभावक प्राथमिकी कराने जा रहे थे लेकिन, स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज ने बच्चों की पोल खोल दी। दोनों ट्रेन आने के आधे घंटे पहले से प्लेटफॉर्म पर टहल रहे थे।   

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क्या है मामला 

आरा रेलवे स्टेशन पर अप लाइन में आई श्रमजीवी एक्सप्रेस की जांच कर रहे रेल पुलिस जवानों ने करीब दस वर्ष के दो स्कूली बच्चों को अकेले देख ट्रेन से उतारा। दोनों शहर के एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय में पांचवीं में पढ़ते हैं।

पूछताछ में एक छात्र ने बताया कि उसने स्कूल का होमवर्क पूरा करने के लिए एक साथी की कॉपी ली थी। उसकी कॉपी लौटाने के लिए जब वह एमपी बाग में निर्धारित स्टॉप पर स्कूल बस कर इंतजार कर रहा था, तभी तीन नकाबपोश अपराधियों ने उसे जबरन एक वाहन में बिठा लिया। वे उसे स्टेशन लाए और जबरन ट्रेन में बैठा कर गायब हो गए।

वाहन में विरोध करते हुए उसने बदमाशों के चेहरे से नोचे गए मॉस्क के टुकड़े भी पुलिस को दिखाए। हालांकि, दूसरे बच्चे से पूछताछ में कई विरोधाभास सामने आए। वह यह भी नहीं बता सका कि उसका दोस्त उसके पास कब और कैसे पहुंचा?

इस बीच अभिभावकों ने अपहरण की प्राथमिकी कराने के लिए नगर थानाध्यक्ष जनमेजय राय को भी स्टेशन बुला लिया। वहीं रेल पुलिस ने जब प्लेटफार्म नंबर दो पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे तो पाया कि दोनों ट्रेन आने के आधे घंटे पहले से प्लेटफॉर्म पर आराम से टहल रहे थे। इसके बाद बच्चों ने माना कि वे होमवर्क पूरा नहीं होने के कारण पिटाई के डर से भाग रहे थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर एसएन राम ने बताया कि बच्चों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है।


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