मंदिरों में हो रही चट मंगनी पट विवाह
भोजपुर । न बाजा गाजा, न हाथी, न घोड़ा, न ही फिजूलखर्ची, सिर्फ मांगलिक गीतों की गूंज, तिल
भोजपुर । न बाजा गाजा, न हाथी, न घोड़ा, न ही फिजूलखर्ची, सिर्फ मांगलिक गीतों की गूंज, तिलक से लेकर वैवाहिक कार्यक्रम, मड़वान, मटकोड़, मानर पुजाई, वर परिछावन सहित सभी पारंपरिक कार्यक्रम एक ही दिन में पूरा। सभी अपनी धुन में, हर तरफ उत्साह तथा एक-एक पाल को खुशी के साथ जी लेने की लालसा। यह नजारा है आजकल बिहिया स्थित सती शिरोमणी महथिन माई मंदिर परिसर का। जहां वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराने हेतु प्रतिदिन दर्जन भर से अधिक जोड़े परिजनों के साथ पहुंच रहे हैं। मंदिर परिसर गुलजार है तो महथिन माता मंदिर आदर्श विवाह के महाकेन्द्र के रूप में चर्चित। चर्चा का आलम यह है कि लोग दूर-दूर से यहां पहुंच रहे हैं तथा वर वधू महथिन मईया को साक्षी मान एक दूजे के होने की कसमें खा रहे हैं। खर्चा से बचने हेतु लोगों में आई चेतना कहे या फिर गरीबी की विवशता परंतु यह सच है कि प्रति वर्ष सैकड़ों जोड़ों को परिणय सूत्र में बंधने की गवाह बन रही है महथिन माई।