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छायावाद की सशक्त कवयित्री थीं महादेवी वर्मा

भोजपुर। वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ के तत्वावधान में मौलाबाग स्थित हनुमान मंदिर परिसर में चर्चित

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 07:14 PM (IST)
छायावाद की सशक्त कवयित्री थीं महादेवी वर्मा
छायावाद की सशक्त कवयित्री थीं महादेवी वर्मा

भोजपुर। वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ के तत्वावधान में मौलाबाग स्थित हनुमान मंदिर परिसर में चर्चित कवयित्री महादेवी वर्मा की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर ए.के.आंसू ने की। बच्चा सिंह, जनार्दन तिवारी, कामेश्वर प्रसाद और कन्हैया बाबु ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि जगदयाल सिंह ने महादेवी वर्मा के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने महज 13 साल की उम्र में कविताएं लिखनी शुरू की। एम.ए करने के बाद प्रयाग महिला विद्यापीठ में शिक्षिका नियुक्त हुई। वर्ष 1950 के बाद अपनी सशक्त रचनाओं के कारण काफी प्रसिद्ध हुई। अध्यक्षीय वक्तव्य में ए.के.आंसू ने कहा कि महादेवी वर्मा छायावाद की सशक्त कवयित्री थीं। छायावाद के चार स्तंभों में इनका नाम आदर के साथ लिया जाता है। इनकी रचनाओं में विरह-वेदना और करूणा का भाव प्रमुखता के साथ है। अन्य वक्ताओं में शुकदेव शर्मा, बैजनाथ सिन्हा, अनिल सिन्हा, विश्वनाथ लाल और किसलय थे। मंच संचालन उमाशंकर तिवारी, अतिथियों का स्वागत लक्ष्मण प्रसाद और धन्यवाद ज्ञापन कन्हैया प्रसाद ने किया। इस अवसर पर सुबोध सिन्हा, मोहन प्रसाद, कृष्णा प्रसाद, लाल बाबु, अवध लाल आदि मौजूद थे।

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