अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य योग महोत्सव
भोजपुर। आरा के ऐतिहासिक रमना मैदान। जहां आम दिनों में अहले सुबह बच्चों व युवाओं की भीड
भोजपुर। आरा के ऐतिहासिक रमना मैदान। जहां आम दिनों में अहले सुबह बच्चों व युवाओं की भीड़ रहती थी। लोग टहलते नजर आते थे। लेकिन मंगलवार को नजारा बदला-बदला सा था। शहर के विभिन्न मुहल्ले के लोगों का जमावड़ा हुआ। अवसर था पतंजलि योग समिति, भोजपुर द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य योग महोत्सव का। समिति द्वारा आयोजित चार दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन इस आयोजन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। सुबह 5 बजे से पहले ही रमना मैदान के चारों ओर से लोगों का पहुंचना शुरु हुआ। बच्चे-बच्चियां, युवक- युवतियां, महिला-पुरुष व वृद्ध धीरे-धीरे एकत्रित होते गये। लगभग 35 लंबे कारपेटों पर लोगों ने अपना स्थान ग्रहण किया। लाल व हरे रंग के कारपेट पर पंक्तिबद्ध लोगों का समूह बहुत ही खूबसूरत नजारा पेश कर रहा था। सुबह के 5.15 बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई। समिति के दक्षिणी बिहार प्रांत प्रभारी अरुणेश जी, पूर्व प्राचार्य राजेन्द्र परमार, अवकाश प्राप्त बैंक मैनेजर लाल मोहर राम, डा.जुगल किशोर आदि ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। तदोंपरांत अरुणेश जी ने योग से लाभ को गिनवाते हुए कहा, इसको करने से लोग निरोग रहते हैं। रोगों से मुक्ति मिलती है। इसलिए हमें प्रतिदिन योग करना चाहिए। फिर योग में बरती जानेवाली सावधानियों को बताते हुए कहा कि जिनके पेट में अल्सर या हर्निया है तो उन्हें पीछे झुककर कोई भी आसन नहीं करना चाहिए। जिनकों कमर में अधिक दर्द है वह आगे झुकने वाले आसन न करें। हाई बीपी व हृदय रोगी योग प्राणायाम करते समय विशेष ध्यान दें। कोई भी अभ्यास तेजी से नहीं करना चाहिए। अरुणेश जी ने गीत-'ये तेरा न ये मेरा मंदिर है भगवान का/ पानी उसका भूमि उसकी सब उसी महान का।'सस्वर गाकर माहौल को खुशनुमा बना दिया। फिर कहा, हमारा समाज जाति-पाति में बंटा हुआ है। गुरुदेव चाहते हैं कि सभी मानव एकजुट होकर राष्ट्र सेवा में लगें। योग करेंगे तो छोटी-छोटी बातों व जात-पात से मुक्ति मिल जाएगी। कहा, हम सब भगवान के पुत्र-पुत्रियां हैं। हमें भगवान की तरह ही अपने को बना लेना है। योग को अपना लेंगे तो जीवन स्वार्थ हो जायेगा। अपने वक्तव्य के बाद अरुणेश जी ने पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी सुरेन्द्र प्रसाद चौरसिया को योग व प्राणायाम के लिए मंच पर आमंत्रित किया। तब सुबह के 5.50 बजे थे। सुरेन्द्र प्रसाद चौरसिया ने कार्यक्रम में शामिल लोगों से हाथ जोड़कर अपने परमपिता परमेश्वर को याद करने को कहा जिन्होंने जन्म दिया। मंत्र प्रार्थना के पश्चात शिथलीकरण से योग की शुरुआत की। इसके तहत श्री चौरसिया ने गर्दन, कंधा, कमर व घुटने की क्रिया करवाई। फिर सभी को खड़ा करवाकर ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन का अभ्यास करवाया। इस दौरान कहा, हमें योग को गांव-गांव तक पहुंचाना है। लोगों का अभ्यास देखकर ऐसा लगता है कि बहुत सारे लोग नियमित योग करते हैं। सभी को जमीन पर बैठाया, फिर दंडासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, पूर्ण उष्ट्रासन, शशांकासन, उतानमंडूकासन व वक्रासन कराया। इन आसनों को कराने के दौरान श्री चौरसिया ने इनसे होने वाले लाभों को भी बताया। फिर लोगों से छाती के बल लेटने को कहा और मकरासन, शलभासन, भुजंगासन की विधि बताते हुए इसे कराया। इस दौरान लोगों को'बहुत बढ़यिा'और'बहुत अच्छा'कहकर प्रोत्साहित भी किया। फिर पीठ के बल लेटने को कहा और सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवन मुक्तासन व श्वासन कराया। फिर प्राणायाम कराया। इसके तहत कपालभाति, अनुलोम-विलोम, शीतलीकरण प्राणायाम और अंत में भ्रामरी कराया। इन आसनों व प्राणायाम के बाद श्री चौरसिया ने लोगों को अपने मन को हमेशा संतुलित रखने, कुटुम्ब के प्रति काम, समाज व विश्वास के प्रति शांति, आनंद और स्वास्थ्य के प्रचार के लिए संकल्प दिलवाया। साथ ही समूचे विश्व में शांति, स्वार्थ, सौहार्द के प्रसार के लिए भी संकल्प दिलवाया। शांति पाठ के साथ सुबह 6.50 बजे कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गयी। कार्यक्रम समापन के पश्चात अरुणेश जी ने कई रोगियों को उनकी समस्याओं को सुनकर दवाइयां लिखी और उचित सलाह दी।
नारों से गूंजा आयोजन स्थल : कार्यक्रम के समापन की घोषणा पर प्रतिभागियों ने नारे बुलंद किए। आयोजन स्थल भारत माता की जय, वंदे मातरम और इंकलाब-जिन्दाबाद के नारों से गूंजा। वहीं, कार्यक्रम के अंत में पूर्व भाजपा विधायक संजय ¨सह टाईगर अपने समर्थकों के साथ पहुंचे।
आधी आबादी की रही अच्छी भागीदारी : शहर में होने वाले विभिन्न आयोजनों में महिलाओं की बहुत अधिक भागीदारी कम देखने को मिलती है। लेकिन इस आयोजन में युवतियों व महिलाओं की अच्छी तादाद देखी गई। लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।
जात-पात व धर्म का मिटा भेद : इस आयोजन में विभिन्न जाति व धर्म के लोगों का जमावड़ा था। सभी विभिन्न रंग-बिरंगे परिधानों में थे। बिना भेद-भाव के लोगों ने किया योग व प्राणायाम।
लहर रहे थे पतंजलि योग समिति का ध्वज : आयोजन स्थल पर चारों ओर पतंजलि योग समिति का ध्वज लहर रहा था। यह देखने में काफी सुन्दर लग रहा था। इससे आयोजन स्थल की सुन्दरता बढ़ी।
आयोजन को सफल बनाने में रही अहम भूमिका : चार दिवसीय इस आयोजन में लोगों की अच्छी भागीदारी रही। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में पतंजलि योग समिति से जुडे़ कई लोगों की अहम भूमिका रही। प्रमुख लोगों में देवेन्द्र कुमार सिन्हा, डा.जुगल किशोर, श्याम कुमार गुप्ता, सूरज प्रकाश, उपेन्द्र कुमार, रामकुमार हसनपुरिया, शशिभूषण ¨सह, अशोक कुमार, लाल मोहर राम, कृष्णा देवी, उषा देवी, किरण ¨सह, सुनीता ¨सह, कुंती शर्मा, गीता ¨सह, विमला देवी आदि हैं।
कहते हैं लोग
छात्रा श्वेता कुमारी का कहना है कि योग से तनाव कम होता है। योग से पूरा मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है। प्राणायाम द्वारा ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होने से शरीर में उर्जा निर्माण अधिक होता है। योग का प्रभाव हमारे शरीर व मन दोनों पर पड़ता है।
व्यवसायी राज बाबू केसरी के अनुसार व्यायाम से शरीर का बाहरी हिस्सा मजबूत होता है। वहीं, योग से शरीर के आंतरिक हिस्सा को मजबूत किया जाता है। योग एक सरल प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम अपने शरीर को बिना साइड इफेक्ट के स्वस्थ बना सकते हैं।
नंद लाल ¨सह ने बताया का कहना है कि योग ऐसी विद्या है, जिससे गंभीर से गंभीर बीमारी भी समाप्त हो जाती है। बशर्ते के इसे नियमित रूप से किया जाये। कैँसर जैसी खतरनाक बीमारी में भी इससे लाभ मिलता है।
प्राध्यापक प्रो.मीना प्रकाश ने कहा कि हम योग से स्वस्थ रहते हैं। इससे जीवन दान मिलता है। इससे जहां लोग दीर्घ जीवी होते हैं, वहीं चरित्रवान भी होते हैं। योग शांति का पाठ पढ़ाता है।
गृहिणी ललिता कुमारी के अनुसार योग से तनाव दूर होता है और संतुलित जीवन होता है। यह एकाग्रता बढ़ाता है। कई रोगों से हमें मुक्त भी कराता है।
छात्रा कुमारी गायत्री ने कहा कि योग से हमें बहुत लाभ है। इससे कई रोगों में लाभ मिलता है। वजन कम होता है। शरीर स्वस्थ होता और हमें शांति मिलती है।