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जाली नोट का धंधा: एक लाख के बदले मिलते थे 30 हजार, खपाते थे बच्चे

भोजपुर के संदेश थानाक्षेत्र के जमुआंव गांव से गिरफ्तार नागेन्द्र सिंह यादव पेशे से ग्रामीण चिकित्सक हैं। वे मरीजों का इलाज करते हैं। वहीं, पत्नी का काम देखकर सन्‍न है पूरा गांव।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 09:27 AM (IST)
जाली नोट का धंधा: एक लाख के बदले मिलते थे 30 हजार, खपाते थे बच्चे
जाली नोट का धंधा: एक लाख के बदले मिलते थे 30 हजार, खपाते थे बच्चे

आरा [जेएनएन]। भोजपुर जिले के संदेश थानाक्षेत्र के जमुआंव गांव से गिरफ्तार नागेन्द्र सिंह यादव पेशे से ग्रामीण चिकित्सक हैं। वे गांव के चट्टी बाजार में एलोपैथकि दवाखाना खोलकर मरीजों का इलाज करते हैं। वहीं, पत्नी देवंती घर में नकली नोट छापती थी। नकली नोट का यह रैकेट करीब तीन महीने से चल रहा था। देशद्रोह के इस काम में नागेन्द्र भी पत्नी देवंती की मदद करता था। इतना ही नहीं, नोट छापने के लिए एक लाख के जाली नोट के बदले 30 हजार रुपये दिये जाते थे। वहीं जाली नोटों काे खपाने में बच्‍चों को भी लगाया जाता था। 

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सदर एसडीपीओ पंकज कुमार के अनुसार नोट छापने का काम मुख्यरूप से देवंती ही करती थी। उसकी दोनों बहुएं नेहा देवी व रेखा देवी उसकी मदद करती थीं। नागेन्द्र सिंह का बड़ा बेटा राहुल सिंह यादव आरा मंडल जेल में बंद है, जबकि छोटा बेटा लक्ष्मण सूरत में रहकर प्राइवेट जॉब करता है। कम समय में करोड़पति बनने के लालच में नागेंद्र पत्नी, बेटे व दोनों बहुओं के साथ इस धंधे में शामिल हो गया। पुलिस जल्द ही राहुल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

जेल में पिंटू सिंह के साथ मिलकर शुरू धंधा 

राहुल कुमार व गुड्डू जब लूटपाट व छिनैती मामले में आरा जेल में बंद थे, उनका परिचय उदवंतनगर थाना के रघुनीपुर गांव निवासी पिंटू सिंह से हुआ। इसके बाद तीनों जाली नोट के धंधे में लग गए। राहुल का साथी गुड्डू पांच रोज पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आया था। रैकेट के दूसरे मास्टर माइंड पिंटू सिंह ने ही देवांती को नोट छापने की ट्रेनिंग और सामान लाकर दिया था। नोटों का ऑर्डर भी पिंटू ही लाया करता था।

बच्चों को लगाए थे जाली नोट खपाने में 

जाली नोटों को खपाने के लिए मास्टर माइंड छोटे-छोटे बच्चों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका खुलासा 23 दिसंबर के अंक में दैनिक जागरण ने किया था। बाद में पुलिस ने दोनों को नाबालिग बताकर छोड़ दिया था।

लाख के बदले मिलते थे 30 हजार

एक दिन पहले 60 हजार नोट छापने का ऑर्डर तैयार कर रही देवंती को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वह प्रिंटर से नकली नोट निकाल रही थी। उसने बताया कि एक लाख के नकली नोट के बदले 30 हजार ही मिलते थे। गौरतलब है कि भोजपुर जिले में पुलिस ने जाली नोट बनाने के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में जाली नोट के साथ पूरे परिवार काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। करीब 32 हजार रुपये नकद के अलावा दो मशीन भी बरामद की गयी है।  पकड़े गए सदस्यों में तीन महिलाएं व.दो पुरुष सदस्य शामिल हैं। गैंग का मास्टरमाइंड राहुल आरा जेल में बंद है। पुलिस ने संदेश थाना क्षेत्र के जमुआ गांव में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की थी। राहुल ने करीब तीन माह पहले कोर्ट में सरेंडर किया था।


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