डाकघर की नई पहल, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना से आर्थिक सशक्तिकरण की नई उड़ान
पोस्ट ऑफिस ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना' शुरू की है। इस योजना के तहत, महिलाएं दो साल के लिए निवेश कर सकती हैं और 8% वार्षिक ब्याज प्राप्त कर सकती हैं। न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये और अधिकतम 2,00,000 रुपये है। एक साल बाद जमा राशि का 40% निकाला जा सकता है। यह योजना महिलाओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

भोजपुर जिले के सभी डाकघरों में उपलब्ध
जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। पोस्ट ऑफिस ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। केंद्र सरकार की ‘महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना’ अब भोजपुर जिले के सभी डाकघरों में उपलब्ध है। डाक अधीक्षक नीरज कुमार ने महिलाओं के लिए इस योजना के तहत खाता खोलने की सुविधा शुरू की है।
यह योजना महिलाओं को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का सशक्त माध्यम साबित हो रही है।
योजना में महिलाएं दो वर्ष की अवधि के लिए निवेश कर सकती हैं और उन्हें 8% वार्षिक ब्याज मिलेगा, जो तिमाही आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज के रूप में जोड़ा जाएगा।
निवेश की राशि न्यूनतम 1,000 रुपये से लेकर अधिकतम 2,00,000 रुपये तक हो सकती है।
विशेष रूप से, निवेश के एक वर्ष पूरा होने पर महिलाएं अपनी जमा राशि का 40% तक आंशिक निकासी कर सकती हैं। यह सुविधा आपातकालीन परिस्थितियों या विशेष आवश्यकताओं में बड़ी राहत देती है।
डाक अधीक्षक के अनुसार, यह योजना ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
केंद्र सरकार ने अन्य डाकघर बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी वृद्धि की है। सेविंग डिपॉजिट और पीपीएफ को छोड़कर सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं, जिससे स्मॉल सेविंग कस्टमर्स, किसानों, कारीगरों, वरिष्ठ नागरिकों, छोटे व्यापारियों और महिलाओं को लाभ मिलेगा।
दो साल में बनेंगी लखपति महिलाएं
यदि कोई महिला अधिकतम 2,00,000 रुपये निवेश करती है, तो दो वर्षों में ब्याज सहित लगभग 2,27,000 रुपये प्राप्त कर सकती है। यही वजह है कि यह योजना अब महिलाओं के बीच सबसे आकर्षक निवेश विकल्प बन गई है।
खाता खोलने के लिए महिलाओं को केवाईसी दस्तावेज (आधार कार्ड, पैन कार्ड) और पे-इन स्लिप या चेक लेकर निकटतम डाकघर जाना होगा। नाबालिग लड़कियों के लिए अभिभावक या संरक्षक खाता खोल सकते हैं।
डाकघर के माध्यम से यह पहल ग्रामीण और शहरी भारत की महिलाओं को वित्तीय साक्षरता, बचत की आदत और आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम प्रदान कर रही है।

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