जीवन जीने की कला सिखाती है शिक्षा
प्रखंड के बहियारा स्थित रामानंदी यज्ञानंद लाल सरस्वती विद्या मंदिर के भाऊराव देवरस सभागार में 20 फरवरी से प्रारंभ चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया।
आरा। प्रखंड के बहियारा स्थित रामानंदी यज्ञानंद लाल सरस्वती विद्या मंदिर के भाऊराव देवरस सभागार में 20 फरवरी से प्रारंभ चार दिवसीय प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन शनिवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव गोपेश कुमार घोष व प्रदेश सह सचिव प्रकाश चन्द्र जायसवाल ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। स्वागत व परिचय विभाग निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद ने किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य उपेन्द्र कुमार पाण्डेय ने अतिथियों को अंग वस्त्र व पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। अध्यक्षता राममूिर्त्त प्रसाद ने की। वही सम्मेलन का संपूर्ण वृत प्रदेश सह सचिव ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मुंगेर के प्रधानाचार्य नीरज कौशिक ने किया। वहीं प्रधानाचार्य ने भोजपुर जिले के राजनीतिक योगदान को विस्तार से रखा। प्रदेश सचिव ने कहा कि हमारे देश का दर्शन श्रेष्ठ है सभी प्राणियों एवं कण-कण में ईश्वर का वास है। विद्यालय में बालकों को जीवन जीने की कला सिखानी है। जो भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित हो। उन्होंने बालकों को ईमानदारी, अनुशासन, अच्छे संस्कार समेत अन्य मानवीय गुणों की सीख विद्यालयों में देने पर जोर दिया। वही समाज के उपेक्षित बच्चों को भी संस्कार युक्त शिक्षा देने की अपील की। सम्मेलन में दक्षिण बिहार के 17 जिलों से लगभग 250 प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं सामाजिक जागरण विषय पर प्रधानाचार्यो को जानकारी दी गई। छात्रों के अंदर देशभक्ति, दायित्व बोध एवं सामाजिक संवेदना का भाव विकसित करने पर बल दिया गया। वही ऊर्जा बचत के लिए विद्यालय में एलईडी बल्ब लगाने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण करने के साथ साथ गांवों में स्वच्छता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। मौके पर विभाग निरीक्षक वीरेन्द्र कुमार, रमेश चन्द्र द्विवेदी, बजरंगी प्रसाद, मथुरा नाथ पांडेय, राजेश रंजन,अभय कुमार ¨सह, मीडिया प्रभारी गिरीश कुमार द्विवेदी समेत अन्य लोग मौजूद थे।