फर्जी प्रमाणपत्र के कारण शिक्षिका की गई नौकरी
फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियोजित एक शिक्षिका की नौकरी को समाप्त करते हुए वेतनमद के अब तक लिए गए रुपये को सरकारी खजाने में जमा कराने का आदेश नरगदा पंचायत सचिव सह नियोजन इकाई सचिव ने जारी किया है।
आरा। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियोजित एक शिक्षिका की नौकरी को समाप्त करते हुए वेतनमद के अब तक लिए गए रुपये को सरकारी खजाने में जमा कराने का आदेश नरगदा पंचायत सचिव सह नियोजन इकाई सचिव ने जारी किया है। नियोजन इकाई सचिव ने यह आदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), भोजपुर के आलोक में हाईकोर्ट के अधीन निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना द्वारा किए गए शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के बाद जारी किया है। नियोजन इकाई के सचिव ने अपने पत्र में इस बात की पुष्टि की है कि पंचायत के विद्यालय में पदस्थापित एक शिक्षिका का अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। इनकी सेवा समाप्त करने व राशि वसूली का आदेश मिला है। सेवा समाप्ति व राशि वसूली की मार नियोजित शिक्षिका उत्क्रमित मध्य विद्यालय, नूरपुर की शिक्षिका कुमारी सुनिता पति कमलेश कुमार पर गिरी है। नियोजन इकाई के सचिव ने शिक्षिका कुमारी सुनिता, संबंधित विद्यालयों के प्रधान शिक्षक/एचएम, बीएओ बड़हरा व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को सूचना भेजा है। इसके साथ ही पत्र द्वारा यह भी बताया गया है कि प्रधान शिक्षक व एचएम इस शिक्षिका की उपस्थिति पंजी पर हाजिरी नहीं बनाई जाए। राशि वसूली एक सप्ताह के अंदर ड्राफ्ट द्वारा नियोजन इकाई नरगदा के खाता में जमा राशि सुनिश्चित किया जाए। गौरतलब हो कि फर्जी सर्टिफिकेट वाले लगातार पकड़े जा रहे है। जिससे शिक्षकों के बीच हड़कंप मच गया है। इसी तरह बुधवार को फर्जी सर्टिफिकेट मामले में पश्चिमी बबुरा पंचायत के विभिन्न विद्यालयों के 6 शिक्षकों पर भी गाज गिरी है।