डॉक्टर की शर्मनाक करतूत: टूटी थी युवक की अंगुलियां, हाथ पर चढ़ा दिया प्लास्टर
बिहार में डॉक्टर की शर्मनाक करतूत सामने आयी है। युवक की अंगुलियां टूटी थी और डॉक्टर ने हाथ पर प्लास्टर चढ़ा दिया।
भोजपुर [जेएनएन]। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन, चंद डॉक्टरों के चलते स्वास्थ्य विभाग की साख खतरे में है। घटना बिहार के भोजपुर जिले के आरा सदर अस्पताल की है। हमले में घायल होकर सरकारी अस्पताल पहुंचे एक युवक को आनन फानन में निजी क्लीनिक भेज दिया गया। फिर यहां टूटी अंगुलियों के बदले उसके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा दिया गया।
इसका राज तब खुला जब घायल युवक शुक्रवार की सुबह हाथ में प्लास्टर लगाए एक हड्डी रोग विशेषज्ञ के पास पहुंच गया। इमरजेंसी कक्ष में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जब घायल युवक का एक्स-रे देखा तो वे दंग रह गए। युवक के बाएं हाथ की दो अंगुलियां टूटी हुई थी जबकि प्लास्टर हाथ पर लगाया गया था।
25 अप्रैल को घायल हालत में आया था नीतीश
25 अप्रैल को बड़हरा के कृष्णागढ़ थाना अंतर्गत पदमिनिया गांव में थ्रेसर पर गेहूं काटे जाने को लेकर विवाद हो गया था। इसमें लाठी-डंडे से हमले में पदमिनिया गांव निवासी सुधन यादव के बेटे नीतीश कुमार के बायें हाथ की दो अंगुलियां टूट गई थी। घटना की रात में सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में उसका प्राथमिक उपचार किया गया था।
ओपीडी में दिखाने गया था टूटी अंगुली, भेज दिया गया क्लीनिक घायल युवक नीतीश ने बताया कि घटना के दूसरे दिन 26 अप्रैल को सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पास अपनी टूटी उंगली दिखाने के लिए गया हुआ था।
इस दौरान ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर ने उसे निजी क्लीनिक पर जाने की सलाह दी। वहीं उसका एक्सरे कराया। इसके बाद उसके हाथ का कच्चा प्लास्टर कर दिया गया। इधर, शुक्रवार की सुबह जब सदर अस्पताल की इमरजेंसी में कार्यरत हड्डी रोग चिकित्सक के पास दिखाने के लिए गया तो पूरी बात खुल गई।
इधर, सदर अस्पताल,आरा के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. सतीश कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि इस तरह की शिकायत अभी तक उनके पास नहीं आई है। अगर घायल युवक के परिजन शिकायत करते हैं तो दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। सरकारी अस्पताल से मरीज को प्राइवेट क्लीनिक पर ले जाना भी गलत है।