दो दिन भी नहीं चला इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड
आरा रेलवे स्टेशन पर जारी आधुनिकीकरण के कई कार्य इन दिनों युद्धस्तर पर चल रहे हैं।
आरा। आरा रेलवे स्टेशन पर जारी आधुनिकीकरण के कई कार्य इन दिनों युद्धस्तर पर चल रहे हैं। पर रख-रखाव के अभाव में कई महत्वपूर्ण संसाधन सेवा के मामले में बेमानी साबित हो रहे हैं। आरा रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र के ठीक बगल में लगा इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड चालू होने के दूसरे दिन ही ठप हो गया। शुक्रवार को इन्क्वायरी काउंटर के बगल में लगा डिसप्ले बोर्ड जब चालू किया गया था, तो इन्क्वायरी काउंटर पर लगी भीड़ छंटने लगी थी। डिसप्ले बोर्ड पर प्रसारित हो रही सूचनाओं को लोग दूर से ही देखकर इन्क्वायरी काउंटर पर लगी भीड़ की धक्का-मुक्की से बचने से राहत महसूस कर रहे थे। शनिवार को डिसप्ले बोर्ड से विलंबित गाड़ियों की जानकारी लेने पहुंचे यात्रियों को दुबारा इन्क्वायरी काउंटर की भीड़ का सामना करना पड़ा। वहीं आरा रेलवे स्टेशन पर शुरू हुई अत्याधुनिक सुविधाओं में से एक स्वचालित सीढ़ी तो उद्घाटन के कुछ देर बाद टें बोल गई। विगत 1 मार्च को आनन-फानन में चालू कर दिया गया था। वैसे स्वचालित सीढ़ी का निर्माण कार्य अब भी जारी है।
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कर्मियों की कमी से रेलवे इन्क्वायरी से जानकारी तक लेना हुआ दुभर :
इंक्वायरी काउंटर से लोगों को पर्याप्त सूचना तक नहीं मिल पाती है। इन्क्वायरी काउंटर पर जब यात्री विलंबित गाड़ियों की सूचना के लिए पहुंचते हैं, तो कई बार वहां कोई कर्मी तक मौजूद नहीं रहता है। जिसके चलते यात्रियों को विलंबित ट्रेनों की सही सूचना तक नहीं मिल पाती है। हालांकि इंक्वायरी काउंटर पर संविदा पर बहाल आठ कर्मियों की तैनाती की गई है, जिनकी ड्यूटी तीन शिफ्टों में निर्धारत है। आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत संचालित इंक्वायरी काउंटर के कर्मियों के वेतन अथवा मानदेय का भुगतान एजेंसी के ठेकेदार द्वारा किया जाता है। रेल सूत्रों के मुताबिक संविदा पर बहाल इन कर्मियों का वेतन काफी कम है। जिसके चलते बेहतर सेवा के लिए इन पर दबाव भी नहीं बनाया जाता है।