आंदोलन और तेज करने का लिया गया निर्णय
भोजपुर में सीएएएनआरसी व एनपीआर के खिलाफ चल रहे तमाम शाहीन बागों की संयुक्त बैठक गड़हनी के शाहीन बाग में हुई। जिसमें आरा पीरो और गड़हनी के शाहीन बागों के संचालकों सहित भाकपा माले के जिला सचिव इंसाफ मंच के राज्य सचिव व भाकपा माले के प्रमुख नेता शामिल रहे।
भोजपुर । भोजपुर में सीएए,एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ चल रहे तमाम शाहीन बागों की संयुक्त बैठक गड़हनी के शाहीन बाग में हुई। जिसमें आरा , पीरो और गड़हनी के शाहीन बागों के संचालकों सहित भाकपा माले के जिला सचिव , इंसाफ मंच के राज्य सचिव व भाकपा माले के प्रमुख नेता शामिल रहे। अध्यक्षता सह संचालन भाकपा माले के केन्द्रीय कमिटी सदस्य मनोज मंजिल ने किया। मुख्य वक्ता माले के केन्द्रीय कमेटी सदस्य सह सचिव जवाहर लाल ने कहा कि शाहीन बाग देश की दूसरी आजादी की लड़ाई की मिसाल है। इसलिए शाहीन बागों को जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा का प्रस्ताव अधूरा है। जब एनआरसी नहीं किया जाना है तो फिर एनपीआर का कोई मतलब नहीं रह जाता। दरअसल एनआरसी की ही पहली सीढ़ी एनपीआर है। फिर सीएए भी एक ही पैकेज का हिस्सा है। इसलिए इन तीनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। सीएए - एनआरसी - एनपीआर के खिलाफ ग्राम सभाएं होंगी। पंचायत व नगर निकायों में ग्राम सभाएं संगठित कर सीएए - एनआरसी - एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराएंगे। बीडीसी, जिला परिषद, नगर पंचायत,परिषद, निगम से भी प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। मनोज मंजिल ने कहा कि 23 मार्च भगत सिंह के शहादत दिवस से 14 अप्रैल डा. अम्बेदकर जयंती तक पूरे राज्य में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। 23 मार्च को नए भारत के वास्ते, भगत सिंह - अम्बेदकर के रास्ते नारे के साथ हरेक प्रखंड मुख्यालय पर मार्च निकाला जाएगा। 31 मार्च को चंद्रशेखर के शहादत दिवस और 14 अप्रैल के बीच राज्य में तीन जन एकता - जन अधिकार यात्रा निकाली जाएगी। बैठक में आरा शाहीन बाग के संचालक मुस्तफिजुर , सत्यदेव राम ; पीरो से नेसार और मनीर आलम और गड़हनी से जफर और अमीन भारती, पूर्व विधायक माले नेता चंद्रदीप सिंह , पीरो सचिव संजय , गड़हनी सचिव नवीन माले नेता राम छपित राम , इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष मुमताज , माले नेता भीम पासवान , इनौस नेता सोनू , धनकिशोर , हरिनारायण और ऐपवा नेता सलमा, रीता समेत कई लोग शामिल थे।