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दूसरे दिन स्वजनों को सौंपा गया संदिग्ध मरीज का शव

कोरोना के संदिग्ध मरीज का शव शुक्रवार को दूसरे दिन परिजनों को सौंप दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 09:38 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 06:12 AM (IST)
दूसरे दिन स्वजनों को सौंपा गया संदिग्ध मरीज का शव
दूसरे दिन स्वजनों को सौंपा गया संदिग्ध मरीज का शव

आरा। कोरोना के संदिग्ध मरीज का शव शुक्रवार को दूसरे दिन परिजनों को सौंप दिया गया। मौत के बाद से ही मृतक का शव सदर अस्पताल के शव गृह में रखा हुआ था। हालांकि, मृतक के ब्लड और सोयाब का जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के बारे में सही जानकारी का खुलासा हो सकेगा । शव मिलने के इंतजार में परिजन रात से लेकर शुक्रवार की दोपहर तक सदर अस्पताल, आरा में जमे थे। जांच रिपोर्ट 24 घंटे के बाद आने की संभावना जताई जा रही है। इधर, स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर युवक के शव को पूरी तरह मेडिकल विधि से जमीन में दफन किया गया। सैंपल संबंधी रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि युवक के शरीर में संक्रमण पोजेटिव था या निगेटिव। अगर दुर्भाग्य से रिपोर्ट पोजेटिव आ जाता हैं कि तो उसके परिवार के साथ-साथ उस इलाके के लोगों के लिए भी यह चिता का विषय हो जाएगा। ऐसे में प्रशासन की जवाबदेही भी बढ़ जाएगी। क्योंकि, यह भी पता लगाना पड़ेगा आखिर किस के लिक से कोराना संक्रमण का वायरस उसके संपर्क में आया। अगर रिपोर्ट निगेटिव आया तो यह भोजपुर जिले के लिए भी अच्छी खबर होगी और शासन-प्रशासन के लिए भी। परिजनों समेत टोले -मुहल्ले को भी राहत पहुंचाने वाली खबर होगी। वैसे संदिग्ध मरीज की मौत को लेकर उस इलाके के लोगों के साथ-साथ सदर अस्पताल, आरा प्रशासन से जुड़े लोग भी दूसरे दिन सशंकित दिखे।

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पूरी रात शव गृह में पड़ा रहा शव

कोरोना के संदिग्ध 38 वर्षीय युवक की मौत गुरुवार की शाम में ही सदर अस्पताल, आरा के इमरजेंसी कक्ष में हो गई थी। जिसके बाद जांच के लिए उसके ब्लड और सोयाब का सैंपल लिया गया था। जिसे देर रात ही जांच के लिए एनएमसीएच,पटना भेजा गया था। शव को एल्युमिनियम से बने ताबूत में पैक कर सदर अस्पताल इमरजेंसी कक्ष के ठीक सामने स्थित शव गृह में रखा गया था। शुक्रवार की दोपहर सिविल सर्जन एल.पी झा से अनुमति मिलने के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द किया गया। अगर आरा टाउन थाना क्षेत्र निवासी स्वजनों की मानें वह तीन दिनों से खांसी और बुखार से पीड़ित था। मृतक के स्वजनों ने पहले उसे लोकल दवा दुकान से दवा खरीदकर खिलाया था। गुरुवार की शाम अचानक जब उसकी हालत खराब हो गई थी। जिसके बाद उसे पहले सदर अस्पताल के आउटडोर में जांच के लिए लाया गया था।जहां ,डॉक्टरों ने उसे होम क्वारंटाइन की सलाह दी थी। इसके बाद वह घर चला गया था। पर घर पहुंचते ही उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई थी। उसे सांस लेने में भी दिक्कत महसूस होने लगी थी। जिसके बाद स्वजन दुबारा उसे सदर अस्पताल के इमरलेंसी कक्ष लेकर आए थे। जहां, डॉक्टरों ने उसे एक इंजेक्शन देने के साथ एनएचसीएच रेफर कर दिया था। इसी बीच उसने दम तोड़ दिया था। घटना की जानकारी मिलते हीं सदर एसडीओ अरुण प्रकाश, सदर एसडीपीओ अजय कुमार एवं स्थानीय थाना की पुलिस अस्पताल पहुंच गई थी। अगर स्वजनों की बात को सच मानें तो मृतक लॉकडाउन के बाद से घर पर ही था।

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11 फीट गहरा जमीन खोदकर दफन किया गया शव

कोराना के संदिग्ध मरीज का शव शुक्रवार को 11 फीट गहरे जमीन की खुदाई कर दफन किया गया। सिविल सर्जन एल.पी झा के अनुसार परिजनों को शव सौंपने के समय यह निर्देश दिया गया था कि क्रब की गहराई ग्यारह फीट , लंबाई दस फीट एवं चौड़ाई पांच फीट होगी। उन्होंने बताया कि शव मिट्टी डालने से पहले 10 किलोग्राम ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव करने का भी निर्देश दिया गया था।

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मौत के बाद इमरजेंसी से लेकर ओपीडी को किया गया सैनिटराइज

कोराना के संदिग्ध मरीज की मौत के बाद शुक्रवार की दोपहर सदर अस्पताल,आरा के इमरजेंसी कक्ष से लेकर ओपीडी को सैनिटराइज किया गया। दमकल विभाग से फायर बिग्रेड की छोटी गाड़ी को बुलाया गया था। जिसमें केमिकल डालकर इमरजेंसी कक्ष से लेकर ओपीडी को सैनिटराइज किया गया। मौत के बाद से ही रात में इमरजेंसी कक्ष लगभग बंद हो गया था। शुक्रवार को पूरे दिन इमरजेंसी कक्ष ओपीडी से ही चला।

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बाक्स

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फोटो फाइल

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----- कोरोना के संभावित मृतक का ब्लड सैंपल जांच के लिए एनएमसीएच भेजा गया: डीएम

जागरण संवाददाता, आरा: सदर अस्पताल में संभावित कोरोना पीड़ित की मौत के बाद जांच के लिए उसका ब्लड सैंपल पटना भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा की मृत्यु का वास्तविक कारण क्या है। ये बातें जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने कही। उन्होंने कहा कि जब तक उसका जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो जाता है, तब तक यह नहीं कहा जा सकता है कि उसकी मौत कोरोना से हुई है। वैसे जो जानकारी मिली है उसके आधार पर मौत के कारणों की सभी स्तरों पर जांच कराई जा रही है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने इस संबंध में कहा कि अभी तक मृतक की ट्रैवल हिस्ट्री का पता नहीं चला है और न हीं वहां रहने वालों में से कोई बिहार के बाहर से आया है। बावजूद इसके इस मामले में सभी बिदुओं पर तहकीकात की जा रही है और सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि मृतक आरा शहर का रहने वाला है, जो पेशे से एक बिजली मिस्त्री था। हो सकता है कि वह किसी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ गया हो और प्रभावित हो गया हो।


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