Move to Jagran APP

इलाज के नाम पर मौत को न्योता

आरा। भोजपुर जिला मुख्यालय आरा स्थित एक निजी क्लीनिक में आपरेशन के दौरान एक महिला के पेट से कपड़े का

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 09:30 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 09:30 PM (IST)
इलाज के नाम पर मौत को न्योता
इलाज के नाम पर मौत को न्योता

आरा। भोजपुर जिला मुख्यालय आरा स्थित एक निजी क्लीनिक में आपरेशन के दौरान एक महिला के पेट से कपड़े का टुकड़ा निकलने के बाद से हीं भोजपुर और बक्सर जिले में यह खबर लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। पीड़ित महिला उर्मिला देवी बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाना अंतर्गत रहथुआ गांव निवासी मुन्ना यादव की पत्नी बताई जाती है, जो अभी भी आरा के एक निजी क्लीनिक में इलाजरत है। उर्मिला ने बताया कि दो साल पहले प्रसव के दौरान ब्रह्मपुर में साईं मंदिर के पास निजी क्लीनिक चला रहे एक झोला छाप डाक्टर ने उसका बंध्याकरण का आपरेशन हुआ था। आपरेशन के दौरान ही उसने एक बच्ची चंदा को जन्म दिया था, जो पूरी तरह स्वस्थ है। पर, आपरेशन के कुछ दिनों के बाद से ही उर्मिला के पेट में दर्द होने लगा, जिसका कई डाक्टरों से इलाज कराया गया। ¨कतु दर्द ठीक होना तो दूर, कम होने तक का नाम नहीं ले रहा था। अंतत: उर्मिला के परिजन उसे इलाज के लिए आरा ले आए, जहां पेट में गोला होने का शक होने पर निजी क्लीनिक के चिकित्सक सर्जन डा. एसपी श्रीवास्तव ने आपरेशन करने से पहले उसका अल्ट्रासाउंड जांच कराया। लेकिन अल्ट्रासाउंड की जांच से भी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया। बाद में सही जानकारी लेने के लिए परिजनों की अनुमति से जब डाक्टर ने महिला के पेट का आपेरशन किया तो उसमे पहले से पड़े हुए कपड़े के टुकड़े को देखकर डाक्टर समेत आपरेशन थिएटर में मौजूद डाक्टर के सहयोगी तक भौचक्क रह गए। फिर क्या था, यह हैरत अंगेज खबर दोनों जिलों में आग की तरह फैल गई। उर्मिला ने बताया कि खबर की जानकारी मिलने के बाद जब तक पुलिस उक्त झोलाछाप डाक्टर से पूछताछ करने को उसके क्लीनिक पहुंचती, उक्त डाक्टर कानूनी कार्रवाई के डर से अपना क्लीनिक बंद कर पहले ही फरार हो चुका था। उर्मिला ने बताया कि दो साल पहले जब उसके प्रसव के दौरान ब्रह्मपुर में डाक्टर ने बंध्याकरण का आपरेशन किया था, उस समय आपरेशन शुल्क के नाम पर उसके परिजनों से बीस हजार रुपये शुल्क लिए थे। जबकि आपरेशन और इलाज के दौरान परिजनों को पच्चीस हजार से अधिक रुपये खर्च करने पड़े थे। क्लीनिक में मौजूद उर्मिला की सास ने बताया कि हमलोगों को 25 हजार रुपये खर्च होने का मलाल नहीं है। पर डाक्टर की इस लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। ऐसे डाक्टरों पर निश्चित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

loksabha election banner

----------------------------------------------------------------

फोटो फाइल

14 आरा 3

---------- कई मरीजों के शरीर से पहले भी मिल चुके हैं लोहे के रड़ तथा बालों के गुच्छे:

पीड़ित महिला उर्मिला देवी का आपरेशन कर कपड़े का टुकड़ा निकालने वाले डा. एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि उनके क्लीनिक में पहले भी इस तरह के कई केस आए थे, जिनका आपरेशन करने के बाद उनके शरीर से अतिरिक्त सामान मिले थे। उन्होने बताया कि लगभर 15 वर्ष पहले आरा प्रखंड के दौलतपुर में रहने वाले एक विक्षिप्त युवक के शरीर से लोहे का एक टुकड़ा आपरेशन के दौरान निकला था। बाद में यह पता चला था कि विक्षिप्त युवक ने अपने मल द्वार में लोहे का टुकड़ा जान बूझकर घुसा दिया था और इस बात की किसी को जानकारी भी नहीं दी थी। इसी तरह कई महिलाओं के पेट से आपरेशन के दौरान बालों के गुच्छे भी निकाले जाने का दावा डा. एसपी श्रीवास्तव ने किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.