सीबीएसई बोर्ड ने विद्यालय में खेल को किया अनिवार्य
लोगो लग सकता है ------ - जो खेलेंगे नहीं वो बोर्ड की परीक्षा से होंगे वंचित - 20 खेलों में
लोगो लग सकता है
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- जो खेलेंगे नहीं वो बोर्ड की परीक्षा से होंगे वंचित
- 20 खेलों में से किसी एक में करना होगा शिरकत
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जागरण संवाददाता, आरा : सीबीएसई बोर्ड ने विद्यालयों में खेल को अनिवार्य कर दिया है। बोर्ड का यह आदेश चालू सत्र से लागू कर दिया गया है। बोर्ड के निर्णय के अनुसार जो विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार किसी भी खेल विधा में भाग नहीं लेंगे वे बोर्ड की परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। बोर्ड ने सत्र 2018-19 से ही मेन स्ट्रीम विषयों की तरह ही इस विषय को भी अनिवार्य कर दिया है। इसका सिलेबस भी सीबीएसई बोर्ड द्वारा तैयार किया गया है। बोर्ड की जारी सर्कुलर के अनुसार बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। खेल विषयों की कक्षाएं रेगुलर चलेंगी। पहले शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं ऑप्सनल होती थी लेकिन नये सत्र से नौवीं क्लास से लेकर बारहवीं के छात्रों के लिए इन विषयों को अनिवार्य कर दिया गया है।
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स्कूल में एक पीरियड फिजिकल एजुकेशन व हेल्थ का होगा :
बोर्ड के जारी निर्देशों के अनुसार सभी स्कूलों में इन विषयों को चालू सत्र से पढ़ाना अनिवार्य होगा। विद्यालय इस विषयों के हिसाब से अपना टाइम टेबुल बनायेंगे। बोर्ड ने कहा है कि स्कूल में हमेशा एक पीरियड फिजिकल एजुकेशन और हेल्थ का होगा।
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पहले 11वीं एवं 12वीं छात्रों के लिए था अनिवार्य :
बता दें कि पहले फिजिकल एजुकेशन 11वीं एवं 12वीं छात्रों के लिए ऑप्शन के तौर पर होता था लेकिन सीबीएसई के एलान के बाद विषय हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन को अब बोर्ड की ओर से अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही कक्षा नौवीं एवं दसबीं के लिए भी अनिवार्य हो गया है।
------- छात्रों के लिए बनाये गये ये खेल :
हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन के अंतर्गत छात्रों को कुश्ती, एथलेटिक्स, तैराकी, बॉस्केट बॉल, हॉकी, कबड्डी, फुटबाल, हैंडबाल, जूडो, ताइपक्वांडो, लॉन टेनिस, टेबल टेनिस, बैड¨मटन, बॉलीवॉल, जिम्नास्टिक, एडवेंचर एस्पोर्टस आदि में से कोई एक खेल छात्रों को चुनना है। छात्र एक से अधिक खेल भी चुन सकते हैं। लेकिन कम से कम एक खेल चुनना अनिवार्य है।