Bihar Teacher: 11 साल से शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंक रहे टीचर पर एक्शन, कांड जानकार आप हो जाएंगे हैरान!
भोजपुर जिले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने कृष्णगढ़ थाने में एक शिक्षक अनिल कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। शिक्षक पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले के शिक्षा विभाग में फर्जी कागजातों पर नौकरी करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद लगातार इस तरह के मामलों का उद्भेदन हो रहा है। इसके बाद निगरानी के द्वारा संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है।
ताजा मामला भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड क्षेत्र स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलुआ से जुड़ा हुआ है। यहां के शिक्षक अनिल कुमार जो मूल रूप से पिता सुदामा पासवान, मोहल्ला शिवगंज आरा के निवासी हैं, के कागजात फर्जी पाए गए हैं।
इनकी वर्ष 2014 में प्रखंड शिक्षक के रूप में नियुक्ति बलुआ उमवि में हुई थी। उस वक्त इन्होंने मैट्रिक और इंटर के जो कागजात जमा किए थे वह वाराणसी, उत्तर प्रदेश का था।
पिछले वर्ष शिक्षा विभाग के द्वारा फाइल फोल्डर के साथ जमा किए गए इनके कागजातों की जांच जब निगरानी ने की तो अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद वाराणसी, उत्तर प्रदेश के द्वारा इनके मैट्रिक और इंटर के दोनों कागजात को फर्जी बताया गया।
इनके इंटर के कागजात के क्रमांक पर श्रवण कुमार यादव और इंटर के क्रमांक पर बीरबल राम नामक विद्यार्थी का प्रमाण पत्र बना हुआ है। इस प्रमाण पत्र पर इन्होंने फर्जी ढंग से अपना नाम अंकित करते हुए प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी प्राप्त कर ली थी।
विगत माह पहले इसका खुलासा होने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना के इंस्पेक्टर अरुण पासवान के बयान पर कृष्णगढ़ थाने में इनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस फर्जीवाड़े में अज्ञात कुछ व्यक्तियों का भी हाथ है, जिसे देखते हुए उनका पता लगाते हुए उन पर भी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है।
सैकड़ों फर्जी शिक्षक निगरानी के निशाने पर
भोजपुर जिले में अब तक फर्जी कागजात जमा कर नौकरी करने वाले 400 से ज्यादा फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है। इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए इन्हें नौकरी से हटाया जा चुका है।
इसके बाद भी चल रही निगरानी जांच में 200 से ज्यादा फर्जी शिक्षक निगरानी के निशाने पर हैं। इन सभी के खिलाफ भी धीरे-धीरे प्राथमिकी दर्ज होने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इस वर्ष अब तक लगभग दो दर्जन से ज्यादा फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।

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