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आरा में चापाकल उखाड़ने के विवाद में युवक की पीट-पीटकर हत्या, रिश्तेदार फरार

आरा में संपत्ति को लेकर विवाद में भाई ने भाई की हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपित रिश्तेदार फरार हो गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 09:51 PM (IST)
आरा में चापाकल उखाड़ने के विवाद में युवक की पीट-पीटकर हत्या, रिश्तेदार फरार
आरा में चापाकल उखाड़ने के विवाद में युवक की पीट-पीटकर हत्या, रिश्तेदार फरार

भोजपुर, जेएनएन। भोजपुर जिले के बहोरनपुर ओपी क्षेत्र अन्तर्गत लक्ष्मणपुर गांव में खेत से सरकारी चापाकल उखाड़ने को लेकर उपजे विवाद में शनिवार की सुबह एक युवक की लाठी-डंडै से पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप अपने ही चचेरे भाइयों और चाचा पर लगाया जा रहा है। मृतक 22 वर्षीय ज्योति रजक उर्फ ओम प्रकाश रजक लक्ष्मणपुर गांव निवासी महावीर रजक का पुत्र बताया जाता है। मृतक के सिर, आंख और मुंह समेत शरीर के अन्य भागों में चोट का निशान पाया गया है। शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल, आरा में कराया गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसे लेकर एक ही परिवार के दो गुटों के बीच तनाव गहरा गया हैं।

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सात महीने से संपत्ति बंटवारे को लेकर चला आ रहा था विवाद

बताया जा रहा है कि लक्ष्मणपुर गांव निवासी ओम प्रकाश रजक उर्फ ज्योति रजक का करीब सात महीने पहले से संपत्ति बंटवारे को लेकर अपने ही चचेरे भाइयों और चाचा से विवाद चला आ रहा था। इस बीच खेत में लगे सरकारी चापाकल उखाड़े जाने को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान लाठी- डंडे और ईंट-पत्थ से हमले में ज्योति रजक की मौत हो गई। जबकि, आधा दर्जन लोग घायल हो गए। जिसके बाद कोहराम मच गया। इधर, मृतक के बड़े भाई राजेश रजक ने बताया कि खेत में लगा सरकारी चापाकल खराब हो गया था। इसलिए उसने चापाकल उखड़वाया था। इसे लेकर चचेरे भाइयों जितेन्द्र रजक, निर्मल रजक, राकेश रजक तथा चाचा श्रीराम रजक से विवाद हो गया। जिसमें उसके छोटे भाई की हत्या कर दी गई।

चार भाइयों में तीसरे नंबर पर था ज्योति

बताया जा रहा कि बहोरनपुर ओपी के लक्षमणपुर गांव निवासी महावीर रजक को कुल चार पुत्र थे। जिसमें ज्योति रजक तीसरे नंबर पर था। अभी शादी नहीं हुई थी। बेटे के वियोग में मां हीरावती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास के लोग ढांढस बंधाने में लगे थे। तीन बेटे बड़ा राजेश, दिनेश और अरविंद रजक बुजुर्ग दंपती का सहारा बच गए हैं ।


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