नवजात बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य का मजबूत आधार है स्तनपान
राज्य में नवजात देखभाल सप्ताह मनाया जा रहा है। इस बाबत जगह जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
आरा। राज्य में नवजात देखभाल सप्ताह मनाया जा रहा है। इस बाबत जगह जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। भोजपुर सिविल सर्जन डॉ. एलके झा ने बताया कि आवश्यक नवजात देखभाल में स्तनपान की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। इसको लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य केन्द्रों में होने वाले प्रसव के बाद नर्स एवं चिकित्सकों द्वारा एक घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान सुनिश्चित कराने पर अधिक •ाोर दिया जा रहा है। साथ ही अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर माताओं को छह माह तक केवल स्तनपान कराए जाने के विषय में परामर्श दिया जा रहा है।
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डायरिया एवं निमोनिया से स्तनपान करता है बचाव :
सिविल सर्जन डॉ. ललितेश्वर प्रसाद झा ने बताया कि इस नवजात देखभाल सप्ताह के दौरान अधिक से अधिक लोगों को स्तनपान के फायदों से अवगत कराने पर •ाोर दिया जा रहा है। शिशु के लिए एक घंटे के भीतर मां का पीला दूध एवं छह माह तक केवल स्तनपान बहुत जरूरी होता है। यदि बच्चे को जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला पीला गाढ़ा दूध पिलाया जाये तो बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। स्तनपान शिशु को डायरिया एवं निमोनिया जैसे गंभीर रोगों से भी बचाव करता है, जिससे शिशु के बेहतर पोषण की बुनियाद तैयार होती है।
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स्तनपान के ़फायदे :
- रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
- शिशु मृत्यु दर में कमी
- डायरिया एवं निमोनिया से बचाव
- संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास
- अन्य संक्रामक रोगों से बचाव
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क्या आप जानते हैं:
- छह माह तक केवल स्तनपान नहीं करने वाले बच्चों में छह माह तक केवल स्तनपान करने वाले बच्चों की तुलना में पहले छह महीने में 14 गुना अधिक मृत्यु की सम्भावना होती है (लेंसेट, 2008 की रिपोर्ट के अनुसार)
- संक्रमण से होने वाले 88 प्रतिशत बाल मृत्यु दर में स्तनपान से बचाव होता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार) - स्तनपान से शिशुओं में 54 प्रतिशत डायरिया के मामलों में कमी आती है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार) - स्तनपान से शिशुओं में 32 प्रतिशत श्वसन संक्रमण के मामलों में कमी आती है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार) - शिशुओं में डायरिया के कारण अस्पताल में भर्ती होने के 72 प्रतिशत मामलों में स्तनपान बचाव करता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार) - शिशुओं में श्वसन संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने के 57 प्रतिशत मामलों में स्तनपान बचाव करता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार) - बेहतर स्तनपान 1 साल में विश्व स्तर पर 8.20 लाख बच्चों की जान बचाता है (लेंसेट, 2016 की रिपोर्ट के अनुसार)
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'मा' कार्यक्रम स्तनपान को दे रहा बढ़ावा: सामुदायिक स्तर पर गर्भवती एवं धात्री माताओं के साथ परिवार के अन्य सदस्यों के बीच स्तनपान को लेकर सकारात्मक माहौल तैयार करने के उद्देश्य से मदर एब्सुलेट अफेक्सन प्रोग्राम ('मा' कार्यक्रम) की शुरुआत की गयी है। नवजात देखभाल सप्ताह के दौरान इस कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक परिवारों को स्तनपान के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिसमें आशा, आंगनबाड़ी एवं एएनएम महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।