Move to Jagran APP

भोजपुर में सफेद बालू का भी चल रहा काला खेल

आरा। भोजपुर जिले में सोन नदी के लाल बालू के खेल को लेकर आजकल भले ही हायतौबा की स्थिति बनी हुई है। लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि यहां अंदर ही अंदर सफेद बालू का भी काला खेल चल रहा है। हम बात कह रहे हैं शाहपुर के दियारा इलाके की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 11:47 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 11:47 PM (IST)
भोजपुर में सफेद बालू का भी चल रहा काला खेल
भोजपुर में सफेद बालू का भी चल रहा काला खेल

आरा। भोजपुर जिले में सोन नदी के लाल बालू के खेल को लेकर आजकल भले ही हायतौबा की स्थिति बनी हुई है। लेकिन, आपको जानकार आश्चर्य होगा कि यहां अंदर ही अंदर सफेद बालू का भी काला खेल चल रहा है। हम बात कह रहे हैं शाहपुर के दियारा इलाके की। जहां, गंगा नदी के तलहटी से बालू तस्करों द्वारा सफेद बालू का अवैध खनन पिछले कुछ दिनों से लगातार किया जा रहा है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। भंडारण का वीडियो भी वायरल हो रहा है। सफेद बालू के काले खेल में स्थानीय तस्करों व प्रशासन की सांठ-गांठ की भी बात चर्चा में है। सफेद बालू के तस्करी में संलिप्तत तस्करों की दबंगई इस कदर हावी है कि स्थानीय स्तर पर कोई मुंह खोलने वाला नहीं है।

loksabha election banner

----

बालू डंप कर चल रहा बेचने का खेल, राजस्व को क्षति

शाहपुर अंचल क्षेत्र के बहोरनपुर ओपी अंतर्गत बहोरनपुर उत्तरवार मौजा स्थित बिहार-यूपी के बार्डर के समीप बालू तस्करों द्वारा गंगा नदी के किनारे जमीन से हजारों घन फीट सफेद बालू का अवैध खनन कर बेच दिया जा रहा है। 25 फीट से अधिक गहरा कटाई हो रहा है। ग्रामीणों की मानें तो प्रत्येक सप्ताह करीब 400 से 500 डंफर सफेद बालू सड़क निर्माण के लिए विभिन्न एजेंसियों को बेचा जाता है। जिससे लाखों की कमाई होती है। सफेद बालू की इस काली कमाई में सफेदपोश भी संलिप्त हैं। सूत्रों की मानें तो प्रसौड़ा पंचायत के चक्की, नौरंगा व जवइनिया गांव के समीप बस स्टैंड के पास गंगा के तलहटी से जेसीबी मशीन द्वारा दर्जनों ट्रैक्टर सफेद बालू को डंप कर भंडारण होता रहा है। इसी बालू को तस्करों द्वारा सड़क निर्माण, गृह निर्माण तथा ईंट चिमनी भट्टों को 2500 से 3000 रुपये या 1200 रुपये प्रति ट्रैक्टर बेच दिया जाता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस सफेद बालू के ढोने वाले वाहनों को बहोरानपुर ओपी से लेकर बिहिया तथा जगदीशपुर थाना क्षेत्र तक कोई रुकावट पैदा नहीं होता है।

---

गंगा नदी के किनारे अवैध खनन से बन गए है जानलेवा गड्ढे

ग्रामीणों व जानकारों की मानें तो गंगा नदी के किनारों पर बालू की बेतरतीब खनन के कारण बड़े -बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। बाढ़ के समय यदि इसके कारण कटाव हुआ तो बड़ी तबाही भी मच सकती है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता। जदयू के प्रखंड अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडेय उर्फ मुन्ना पांडेय ने कहा कि बालू की अवैध खनन की जांच होनी चाहिए। साथ ही इसमें संलिप्त लोगो पर कड़ी कार्रवाई भी। क्योंकि, गंगा नदी के समीप से बालू की खनन से कटाव होने की समस्या उत्पन्न हो सकती है जो बेहद ही खतरनाक होगा।

----

सीओ बोले, यूपी बार्डर पर हो रहा खनन व भंडारण

इधर, शाहपुर सीओ पंकज कुमार झा ने बताया कि खनन शाहपुर में नहीं हो रहा है। लेकिन भंडारण स्थल शाहपुर अंचल क्षेत्र व यूपी बार्डर में है।

कोईलवर सोन नदी में पूरी रात चली छापेमारी, आठ नावें जब्त, 10 गिरफ्तार

- पूरी रात गश्ती व छापेमारी से मचा रहा हड़कंप

-12 घंटे तक चला अभियान

---

जागरण संवाददाता, आरा: भोजपुर जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा एवं एसपी विनय तिवारी के आदेश पर शुक्रवार की रात कोईलवर सोन नदी में पूरी रात सघन छापेमारी चली। जिसका नेतृत्व सदर एसडीओ वैभव श्रीवास्तव एवं डीएसपी विनोद कुमार कर रहे थे। करीब 12 घंटे तक चली छापेमारी में करीब आठ नावें जब्त की गईं। जबकि, 10 मजदूर व नाविक अवैध खनन में पकड़े गए। डीएम व एसपी के आदेश पर सोन नदी में निगरानी बढ़ा दी गई है। रात में भी पहरा दिया जा रहा है। शुक्रवार की रात्रि 10 बजे से लेकर अगले सुबह नौ बजे तक छापेमारी चलती रही। छापेमारी दल में कोईलवर, बड़हरा, चांदी, कृष्णागढ़ व सिन्हा ओपी पुलिस की टीम शामिल थी। खनन निरीक्षक भी थे।कोइलवर पुराने पुल के दक्षिण, (पटना क्षेत्र के तरफ) से होने वाले बालू खनन में एक भी नाव पेट्रोलिग और छापेमारी के कारण नहीं गुजर पाई। रात भर नदी में की सघन पेट्रोलिग एवं छापेमारी चलती रही। सुरौंधा टापू पर सघन गश्त किया गया। छापेमारी की डर से तस्कर बालू खनन के लिए नहीं आ पाए। इस दौरान आठ नावों को जब्त किया गया। 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पिछले सात दिनों से चले अभियान में करीब 92 गिरफ्तारी हो चुकी है। 41 नावें जब्त की गई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.