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    Bhojpur Election Result 2025: एनडीए की झोली में पूरा भोजपुर, पांच पर भाजपा; दो पर जदयू जीता

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 09:45 PM (IST)

    भोजपुर में 2025 के विधानसभा चुनावों में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी सात सीटों पर कब्जा जमाया। भाजपा ने पांच सीटें जीतीं, जबकि जदयू को दो सीटें मिलीं। इस जीत से एनडीए कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है और उन्होंने इसे अपनी नीतियों और जनता के विश्वास का परिणाम बताया।

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    जागरण संवाददाता, आरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास और सुशासन माडल पर भोजपुर के मतदाताओं ने जमकर मुहर लगाई और छप्पर फाड़कर वोट दिए। नतीजा हुआ कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली बार जिले के सभी सात सीटों को अपनी झोली में डाल एक नया इतिहास रच डाला है।

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    इससे पहले भाजपा-जदयू के नेतृत्व में एनडीए का सबसे बढ़िया प्रदर्शन 2010 में रहा था, तब सात में से छह सीट गठबंधन को मिली थी। जिले में जेडीयू से चुनाव लड़ रहे दो एमएलसी ने एक साथ जीत दर्ज कर अपनी के साथ-साथ पार्टी और गठबंधन को ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    आरा विधानसभा

    चुनाव में भाजपा अपने पारंपरिक गढ़ आरा को बचाने में सफल रही। यहां से भाजपा 2000 से अबतक के चुनाव में केवल एक बार हारी थी। इस बार भाजपा ने नए चेहरे संजय सिंह टाइगर पर दांव लगाया, और यह निर्णय पार्टी के लिए लाभकारी साबित हुआ। संजय टाइगर ने महागठबंधन के उम्मीदवार क्यामुद्दीन अंसारी को 19,581 वोटों के बड़े अंतर से पराजित कर सीट अपने नाम कर ली।

    टाइगर को 94201 मत मिले, जबकि क्यामुद्दीन अंसारी को 74620 मत प्राप्त हुए। आरा सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती रही है, जहां से पार्टी के वरिष्ठ नेता अमरेन्द्र प्रताप सिंह छह बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि, वर्ष 2020 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर केवल करीब तीन हजार वोट रह गया था।

    संदेश विधानसभा क्षेत्र

    भोजपुर जिले के संदेश विधानसभा से चुनाव लड़ रहे जदयू प्रत्याशी सह एमएलसी राधा चरण सेठ ने राजद के सबसे बड़े गढ़ माने जाने वाले संदेश विधानसभा से राजद को हराकर एक नया इतिहास रच डाला है। हालांकि, यहां हार-जीत का अंतर केवल 27 मतों का रहा, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि पिछले चुनाव में राजद ने यहां से निकटतम जदयू प्रत्याशी से 50 हजार से ज्यादा मतों से बढ़त बनाई थी।

    इस बार 28 राउंड की मतगणना के दौरान कई बार मामला आगे पीछे होता रहा। हालांकि, अधिकांश समय राजद के दीपू सिंह आगे रहे, लेकिन अंतिम के चार-पांच चरणों में जदयू प्रत्याशी ने अच्छी वापसी की। अंत में राधाचरण साह को 80559 तथा दीपू सिंह को 80571 प्राप्त हुए।

    जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र

    जगदीशपुर में जदयू प्रत्याशी सह एमएलसी श्री भगवान सिंह कुशवाहा ने रिकॉर्ड 18193 मतों के अंतर से राजद को परास्त कर तीसरी बार हैट्रिक लगाने से रोक दिया। यहां से श्रीभगवान सिंह कुशवाहा ने 92974 मत हासिल किए, जबकि राजद के किशोर कुणाल 74781 मत ही प्राप्त कर सके।

    राजद ने दो बार से विधायक रामविशुन लोहिया के बदले इस बार उनके पुत्र पर दांव लगाया था। इस सीट से हार राजद के लिए बड़ा नुकसान है। 2010 के नीतीश लहर में भी राजद को यहां से जीत मिली थी। इस बार एनडीए की सटीक रणनीति का लाभ मिला। मुख्यमंत्री ने जिले में एकमात्र चुनावी सभा इसी विधानसभा क्षेत्र में की थी।

    बड़हरा विधानसभा

    दोनों ओर से बागियों के मैदान में होने के कारण बड़हरा हाट सीट बन गई थी और भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। वहीं, राजद ने अशोक कुमार सिंह के रूप में नए चेहरे पर दांव लगाया था। हालांकि, राघवेंद्र प्रताप लगातार दूसरी बार यहां से भाजपा की नैया पार लगाने में सफल रहे। उन्होंने राजद प्रत्याशी को 14403 मतों के अंतर से पराजित किया।

    यहां से राघवेंद्र प्रताप को 79593 मत और राजद के अशोक कुमार सिंह को 65190 मत प्राप्त हुए। यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे भाजपा के पूर्व कार्यसमिति सदस्य सूर्यभान सिंह को 9268 एवं राजद के पूर्व विधायक को 8984 मत प्राप्त हुए। निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मौर्या होटल के एमडी बीडी सिंह को केवल 1799 मत मिले।

    शाहपुर विधानसभा

    शाहपुर से भाजपा प्रत्याशी राकेश रंजन ने राहुल तिवारी को 15225 मतों के अंतर से हराकर उनको भी हैट्रिक लगाने से रोक दिया है। राकेश जिले से चुने गए सबसे युवा विधायक हैं। वे महज 27 वर्ष के उम्र में शाहपुर के विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने पिछले दो चुनाव वर्ष 2015 व 2020 के चुनाव में भाजपा को मिली हार को इसबार जीत में तब्दील कर दिया। यहां से दो बार से लगातार राजद नेता शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी चुनाव जीत रहे थे। भाजपा ने दस साल बाद यह सीट राजद से छीनी है। यहां से राकेश रंजन को 88655 मत तथा राहुल तिवारी को 73430 मत हासिल हुए।

    तरारी विधानसभा

    तरारी विधायक सह भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत ने लगातार दूसरी बार माले प्रत्याशी को 11464 मतों के अंतर से हराकर एक नया इतिहास गढ़ डाला है। यहां से भाजपा के साथ पूर्व विधायक सुनील पांडेय की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी। पिछले साल उपचुनाव में भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उनके पुत्र विशाल प्रशांत को उम्मीदवार बनाया था और जीत दर्ज की थी। इस बार भी पिछला प्रदर्शन पार्टी दोहराने में सफल रही। यहां से विधाल प्रशांत को 96887 और प्रतिद्वंदी भाकपा माले प्रत्याशी मदन सिंह को 85423 मत प्राप्त हुए।

    अगिआंव विधानसभा क्षेत्र

    अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित अगिआंव विधानसभा में भाजपा ने लाल झंडा को भेदते हुए जीत दर्ज की है। यहां भी जीत का अंतर मामूली 95 मतों का रहा, लेकिन सुरक्षित सीट पर जीत दर्ज करना भाजपा के लिए दोहरी खुशी देने वाला रहा। 2010 में परिसीमन के बाद हुए पहले चुनाव में भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2015 के चुनाव में यहां से जदयू ने जीत हासिल की।

    उस चुनाव में जदयू महागठबंधन का हिस्सा था। 2020 का चुनाव और पिछले साल हुए उप चुनाव में बंपर जीत दर्ज कर भाकपा माले ने यहां अपनी मजबूती का अहसास कराया, लेकिन इस बार मतों के मामूली अंतर से यह सीट उसके हाथ से फिसल गई।