आयुष्मान भारत योजना ने बचाई रिक्शा चालक की जान
आयुष्मान भारत योजना भोजपुर में गरीब व बेसहारा परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
आरा। आयुष्मान भारत योजना भोजपुर में गरीब व बेसहारा परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस योजना के तहत एक रिक्शा चालक के हार्निया का ऑपरेशन शुक्रवार को सदर अस्पताल में किया गया। ऑपरेशन के बाद उसके परिजनों की आंखें नाउम्मीदी के बादलों के बीच उम्मीद की किरणों की तरह चमक रही थी। दरअसल, रिक्शा चालक तारकेश्वर का पूरा परिवार उसी की कमाई पर निर्भर था, जो बीते चार महीनों से उसके बीमार रहने के कारण भूखमरी की कगार पर आ गया था। रिक्शा चालक तारकेश्वर कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के बलुआ नरगदा गांव का निवासी है। वह आरा शहर में रिक्शा चलाकर अपनी पत्नी समेत चार छोटे बच्चों का भरण-पोषण करता था। कमाई कम होने तथा परिवार की जिम्मेदारियां अधिक होने के कारण वह अक्सर रात और दिन दोनों पालियों में रिक्शा चलाता था। शरीर को मशीन की तरह इस्तेमाल करने के कारण वह अक्सर बीमार रहने लगा और एक दिन ऐसा भी आया जब रिक्शा चलाने के दौरान ही उसे असह्य दर्द हुआ। उसके साथियों ने उसे घर पहुंचा दिया। बाद में सदर अस्पताल में जांच के दौरान उसे जानकारी मिली कि उसे हार्निया की बीमारी हो गई है। अब तो तारकेश्वर के इलाज के साथ परिवार के भरण-पोषण की ¨चता भी सामने आ गई। ऐसे में सबसे बड़ा बेटा मुन्ना किसी को कुछ बताए बिना ही एक मिठाई की दुकान में जाकर काम करने लगा। दूसरा बेटा निक्की दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों के साथ रोज काम की तलाश में भटकने लगा। मगर उम्र कम होने के कारण उसे रोज काम भी नहीं मिल रहा था। वहीं पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले राजा और लाली की पढ़ाई भी छूट गई थी। तारकेश्वर की पत्नी पूनम दूसरे के घरों में जाकर काम करने लगी, जहां दोनों छोटे बेटे राजा और लाली भी उसके काम में सहयोग करते थे। इस बीच बीच तारकेश्वर का दर्द बढ़ने पर निक्की ही उसे अस्पताल ले जाता था। बीते दो माह से लगातार दर्द रहने और ऑपरेशन के लिए पैसों का इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा परिवार निराशा में डूब चुका था। इसी बीच सदर अस्पताल के प्रबंधक मनोज कुमार से इस गरीब परिवार को आयुष्मान भारत योजना की जानकारी मिली। अस्पताल प्रबंधक की पहल पर इस गरीब परिवार का गोल्डन कार्ड बनवाया गया और शुक्रवार को तारकेश्वर प्रसाद का ऑपरेशन शहर के नामचीन चिकित्सक डॉ. विकास ¨सह, डॉ. शैलेंद्र कुमार एवं डॉ. उदय कुमार की देखरेख में किया गया। ऑपरेशन सफल रहा। अपना दूसरा जीवन पाकर न केवल तारकेश्वर बल्कि पूरा परिवार सरकार की इस नई योजना की प्रशंसा कर रहा है। आयुष्मान भारत योजना का गोल्डेन कार्ड दिखाते हुए जब तारकेश्वर ने कहा कि आयुष्मान के कार्ड देखते भागी भूत बेमारी के', तो पूरा वार्ड वहां मौजूद लोगों के ठहाकों से गूंज उठा।